सस्टेनेबल तकनीकों में उत्कृष्टता के लिए टाटा स्टील को प्रतिष्ठित पुरस्कार
टाटा स्टील की फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) को सस्टेनेबल तकनीकों के नवाचार के लिए एनुअल सस्टेनेबिलिटी एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। जानें कैसे कंपनी ने जल संरक्षण और जैव विविधता के क्षेत्र में किए अहम काम।
जमशेदपुर, 8 अक्टूबर 2024: टाटा स्टील की फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) को सस्टेनेबल तकनीकों में नवाचार के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए एनुअल सस्टेनेबिलिटी सिंपोजियम एंड एक्सीलेंस अवार्ड के दूसरे संस्करण में सम्मानित किया गया है। यह कार्यक्रम मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित किया गया था।
कंपनी की ओर से रॉ मैटेरियल चीफ सेफ्टी सरोज कुमार बनर्जी और सुकिंदा हेड माइनिंग देवराज तिवारी ने संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्राप्त किया। टाटा स्टील को यह सम्मान उनके द्वारा परिचालन में सस्टेनेबल और इनोवेटिव तकनीकों को अपनाने के लिए दिया गया।
टाटा स्टील की एफएएमडी के इआइसी पंकज सतीजा ने इस सम्मान पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, "हम सस्टेनेबल तकनीकों के कार्यान्वयन के लिए मिली इस मान्यता से बेहद उत्साहित हैं। हमने जल संरक्षण और जैव विविधता के क्षेत्र में समुदायों के साथ मिलकर ठोस कदम उठाए हैं, और भविष्य में भी इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखेंगे।"
कंपनी द्वारा अपनाई गई प्रमुख सस्टेनेबल तकनीकों में स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना शामिल है, जो प्लांट्स में जल खपत की निगरानी करता है। इसके अलावा, टाटा स्टील ने अपने अथागढ़ स्थित फेरो अलॉयज प्लांट में नदी की रेत की खपत को कम करने के लिए फेरोक्रोम स्लैग्स का उपयोग किया है। गोपालपुर स्थित प्लांट में सड़क निर्माण में फेरोक्रोम स्लैग चिप्स का उपयोग भी किया गया, जिसे विशेष रूप से सराहा गया।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार ने टाटा स्टील के पर्यावरण-संवेदनशील और नवाचारी कदमों को एक बार फिर से पहचान दिलाई है। कंपनी का यह प्रयास उद्योग में अन्य कंपनियों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो रहा है।
टाटा स्टील के इन सतत और सृजनात्मक हस्तक्षेपों को पुरस्कार के आकलनकर्ताओं द्वारा विशेष प्रशंसा मिली, और यह सम्मान कंपनी की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
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