Ranchi Fake Currency: पुलिस ने पकड़ी नकली नोटों की बड़ी खेप, जानें कैसे चलता था पूरा खेल

रांची में नकली नोटों का गोरखधंधा चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश। पुलिस ने ₹4.99 लाख के नकली नोटों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जानें, कैसे चलता था ये खेल।

Jan 19, 2025 - 11:02
Jan 19, 2025 - 11:17
 0
Ranchi Fake Currency: पुलिस ने पकड़ी नकली नोटों की बड़ी खेप, जानें कैसे चलता था पूरा खेल
Ranchi Fake Currency: पुलिस ने पकड़ी नकली नोटों की बड़ी खेप, जानें कैसे चलता था पूरा खेल

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में नकली नोटों का गोरखधंधा चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। अरगोड़ा पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोटों के इस संगठित नेटवर्क को चला रहे थे। इन आरोपियों के पास से ₹500 के कुल 998 नकली नोट बरामद हुए, जिनकी कुल कीमत ₹4,99,000 है। इसके साथ ही, पुलिस ने असली नोट, मोबाइल फोन और एक स्कूटी भी जब्त की है।

कैसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश?

अरगोड़ा थाना क्षेत्र के कुलदीप स्कूल गली में नकली नोटों के कारोबार की गुप्त सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। शुक्रवार को छापेमारी कर पुलिस ने साहिल कुमार उर्फ करण, साबिर उर्फ राजा और अब्बु हुजैफा उर्फ अफरीदी को गिरफ्तार किया। सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने प्रेस वार्ता में बताया कि ये तीनों आरोपी पहले से ही इस अवैध कारोबार में सक्रिय थे।

दिल्ली से ली थी नकली नोट छापने की ट्रेनिंग

पूछताछ के दौरान पता चला कि इन आरोपियों ने नकली नोट छापने और उन्हें बाजार में चलाने की ट्रेनिंग दिल्ली के कुछ गिरोहों से ली थी। यह गिरोह असली और नकली नोटों को मिलाकर गड्डियां तैयार करता था। गड्डी के ऊपर और नीचे असली नोट रखे जाते थे, जबकि बीच में नकली नोट लगाए जाते थे। इस चालाकी से ये लोग आसानी से नकली नोटों को खपा देते थे।

कैसे होता था सौदा?

यह गिरोह एक लाख असली नोट लेकर बदले में तीन लाख रुपये के नकली नोट दिया करता था। नकली नोटों में कई गलतियां थीं, जैसे कुछ नोटों में "Reserve Bank" की जगह "Rizerve Bank" लिखा हुआ था, और कुछ नोटों में "Children Bank of India" का नाम था। इन गलतियों के बावजूद ये गिरोह अपने शातिर तरीकों से नकली नोटों को बाजार में उतारने में सफल हो रहा था।

बरामद सामग्रियां और गिरोह के अन्य सदस्य

पुलिस ने मौके से 6 मोबाइल, 500 रुपये के दो असली नोट, और एक स्कूटी बरामद की है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्दी ही इस गिरोह के बाकी सदस्यों का भी पर्दाफाश होगा।

नकली नोटों का इतिहास

भारत में नकली नोटों का कारोबार कोई नई बात नहीं है। 1990 के दशक में नकली नोटों का चलन तेजी से बढ़ा था। उस समय मुख्य रूप से पड़ोसी देशों से नकली नोट भारत में लाए जाते थे। 2016 में नोटबंदी के बाद नकली नोटों पर कुछ हद तक रोक लगी, लेकिन शातिर अपराधियों ने इसके नए तरीके ढूंढ लिए।

पुलिस की अपील और सतर्कता

सिटी एसपी ने आम जनता से अपील की है कि नकली नोटों की पहचान करने में सतर्क रहें। नकली नोटों में अक्सर रिजर्व बैंक का नाम गलत लिखा होता है, या पानी के निशान जैसी जरूरी चीजों की कमी होती है। यदि कोई संदिग्ध नोट आपके पास आता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

आखिर क्यों बढ़ रहा है नकली नोटों का कारोबार?

नकली नोट छापने का मुख्य उद्देश्य है, आर्थिक अस्थिरता फैलाना। नकली नोट न केवल बाजार में अव्यवस्था पैदा करते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।