Prayagraj Initiative: अदाणी और गीता प्रेस की साझेदारी ने महाकुंभ 2025 में भरी नई ऊर्जा

महाकुंभ 2025 में अदाणी और गीता प्रेस ने आरती संग्रह वितरण और महाप्रसाद सेवा के जरिए श्रद्धालुओं के दिलों में खास जगह बनाई। जानिए इस ऐतिहासिक साझेदारी का महत्व।

Jan 19, 2025 - 11:05
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Prayagraj Initiative: अदाणी और गीता प्रेस की साझेदारी ने महाकुंभ 2025 में भरी नई ऊर्जा
Prayagraj Initiative: अदाणी और गीता प्रेस की साझेदारी ने महाकुंभ 2025 में भरी नई ऊर्जा

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 का धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह अपने चरम पर है। हर दिन लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाने आ रहे हैं। इस दिव्य आयोजन में, जहां आस्था और आध्यात्मिकता की लहरें हर ओर उमड़ रही हैं, देश के बड़े उद्योगपति गौतम अदाणी और 101 साल पुराना संगठन गीता प्रेस श्रद्धालुओं की सेवा में एक अनूठी पहल कर रहे हैं।

आरती संग्रह वितरण: अदाणी और गीता प्रेस की ऐतिहासिक पहल

महाकुंभ में अदाणी समूह और गीता प्रेस ने मिलकर आरती संग्रह का मुफ्त वितरण शुरू किया है। यह आरती संग्रह भारतीय धार्मिक परंपरा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। संग्रह में देवी-देवताओं की 102 आरतियां शामिल हैं, जिनमें वैदिक आरतियां, गणेश, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम, कृष्ण और दुर्गा जैसे देवी-देवताओं की आरतियां शामिल हैं।

मेला क्षेत्र में 10 मोबाइल वैन और कई स्टॉल्स के जरिए इन पुस्तकों का वितरण किया जा रहा है। इस अनोखी सेवा का उद्देश्य भारतीय आध्यात्मिकता को बढ़ावा देना और श्रद्धालुओं को एक विशेष उपहार देना है।

गीता प्रेस: एक सदी की गौरवशाली यात्रा

गीता प्रेस की शुरुआत 1923 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के उर्दू बाजार में हुई थी। मात्र 10 रुपये मासिक किराए पर एक छोटे से कमरे से शुरू हुए इस संगठन ने हिंदू धर्म और साहित्य को वैश्विक पहचान दिलाई। 1955 में, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गीता प्रेस भवन का उद्घाटन किया था।

गीता प्रेस ने न केवल गोरखपुर बल्कि पूरी दुनिया में हिंदू संस्कृति को सशक्त किया है। 2022 में, तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। अदाणी समूह के साथ यह साझेदारी गीता प्रेस की ऐतिहासिक यात्रा में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है।

महाकुंभ में अदाणी समूह की अन्य सेवाएं

महाकुंभ के सेक्टर-19 में अदाणी समूह ने इस्कॉन के साथ मिलकर 40 स्थानों पर महाप्रसाद वितरण की व्यवस्था की है। हर दिन करीब 1 लाख श्रद्धालु यहां महाप्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।

अदाणी समूह ने बुजुर्ग, दिव्यांग और छोटे बच्चों वाली माताओं के लिए मुफ्त गोल्फ कार्ट सेवा भी शुरू की है। यह सेवा श्रद्धालुओं को त्रिवेणी स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों में आसानी से भाग लेने में मदद कर रही है।

आरती संग्रह वितरण का महत्व

गीता प्रेस और अदाणी समूह ने आरती संग्रह की 1 करोड़ प्रतियां वितरित करने का लक्ष्य रखा है। यह पहल श्रद्धालुओं को भारतीय धार्मिक परंपराओं और आध्यात्मिकता से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास है।

गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित आरती संग्रह पुस्तकों के तीन अलग-अलग प्रकार उपलब्ध हैं, जो श्रद्धालुओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इस पहल ने महाकुंभ में आध्यात्मिकता और सेवा के संगम को एक नई दिशा दी है।

महाकुंभ और आस्था का संगम

महाकुंभ का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि अमृत कलश से गिरी बूंदों ने प्रयागराज को तीर्थराज का दर्जा दिया। हर बारहवें वर्ष आयोजित होने वाला यह मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का सबसे बड़ा उत्सव है।

महाकुंभ 2025, न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि भारतीय संस्कृति, सेवा और समर्पण का भी प्रतीक बन चुका है। अदाणी समूह और गीता प्रेस की यह पहल इसे और भी खास बनाती है।

श्रद्धालुओं का अनुभव

महाकुंभ में आरती संग्रह प्राप्त करने वाले श्रद्धालुओं ने अदाणी समूह और गीता प्रेस की इस पहल की जमकर सराहना की। एक श्रद्धालु ने कहा, "यह आरती संग्रह हमारी आध्यात्मिक यात्रा को और भी समृद्ध बनाता है। यह न केवल एक पुस्तक है, बल्कि एक अनमोल भेंट है।"

अदाणी समूह और गीता प्रेस का यह प्रयास भारतीय संस्कृति और श्रद्धालुओं के लिए एक अभूतपूर्व योगदान है। महाकुंभ 2025 के माध्यम से यह पहल न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि समाज सेवा की एक मिसाल भी पेश कर रही है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।