वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे भाड़े में छूट की बहाली की मांग पर सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति का विरोध-प्रदर्शन
सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति ने 2024 के बजट में रेलवे भाड़े में छूट बहाल न किये जाने पर विरोध-प्रदर्शन किया। उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।
सिंहभूम के वरिष्ठ नागरिकों ने केंद्र सरकार द्वारा 2024 के बजट में रेलवे भाड़े में दी जाने वाली 40 फीसदी और 50 फीसदी छूट की बहाली न करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति ने इस संबंध में मंगलवार को एक आक्रोश रैली का आयोजन किया, जिसमें कई वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया।
आक्रोश रैली का आयोजन
यह रैली साकची गांधी घाट से शुरू हुई और वरिष्ठ नागरिकों के समूह ने बैनर लेकर पैदल मार्च करते हुए उपायुक्त कार्यालय तक पहुंची। यहां उन्होंने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने रेलवे भाड़े में छूट की बहाली की मांग की, जो कि पहले वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की दर से मिलती थी।
वरिष्ठ नागरिकों का आक्रोश
सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के सदस्य मुना चौबे ने कहा कि बजट 2024 में इस छूट को बहाल नहीं किया गया, जिससे वरिष्ठ नागरिकों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि नई सरकार से उम्मीद थी कि वह बुजुर्गों के लिए इस सुविधा को फिर से शुरू करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे वरिष्ठ नागरिकों में निराशा फैल गई है।
पेंशन बढ़ाने की मांग
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों ने झारखंड सरकार से पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये करने की भी मांग की। समिति ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन और भूख हड़ताल करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख सदस्य
इस ज्ञापन को सौंपने में सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के प्रमुख सदस्य जैसे जे एन अग्रवाल, कैलाश प्रसाद, दिनेश शर्मा, रिचर्ड पसायन, जगदीश, बिश्वम्भर शर्मा, आरपी साहू, राम सिंह, सुंदर लाल, रामजीत, हरिहर, और राजेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे।
सिंहभूम के वरिष्ठ नागरिकों का यह विरोध-प्रदर्शन उनके हक की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे भाड़े में छूट की बहाली न होने से उनके भीतर गहरा आक्रोश है, और यदि उनकी मांगों पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया, तो यह विरोध और भी उग्र रूप ले सकता है।
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