Russia Cancer Vaccine Launch : रूस ने बनाई कैंसर वैक्सीन: 2.5 लाख की कीमत, 48 घंटे में दिखेगा असर!

रूस ने कैंसर वैक्सीन का किया ऐलान, ट्यूमर पर 80% असर दिखाने वाली यह वैक्सीन 2025 से मरीजों के लिए उपलब्ध होगी। जानें कैसे काम करती है यह पर्सनलाइज्ड mRNA वैक्सीन।

Dec 20, 2024 - 23:01
Dec 21, 2024 - 11:12
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Russia Cancer Vaccine Launch : रूस ने बनाई कैंसर वैक्सीन: 2.5 लाख की कीमत, 48 घंटे में दिखेगा असर!
Russia Cancer Vaccine Launch : रूस ने बनाई कैंसर वैक्सीन: 2.5 लाख की कीमत, 48 घंटे में दिखेगा असर!

Russia Cancer Vaccine Launch : कैंसर वैक्सीन से 48 घंटे में असर, कीमत 2.5 लाख रुपये

मास्को: कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज की दिशा में रूस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2025 की शुरुआत में उनकी कैंसर वैक्सीन देश के मरीजों को फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी। यह वैक्सीन मरीज के ट्यूमर सेल्स के डेटा के आधार पर स्पेशल mRNA तकनीक से तैयार की जाएगी।

क्या है रूस की कैंसर वैक्सीन की खासियत?

रूस की इस वैक्सीन का असर महज 48 घंटों में दिखने लगेगा।

  • प्रीक्लिनिकल ट्रायल्स में यह 80% तक ट्यूमर विकास को रोकने में सफल रही है।
  • वैक्सीन को पर्सनलाइज्ड mRNA तकनीक से डिजाइन किया जाता है।
  • कीमत 2.5 लाख रुपये के करीब होगी, हालांकि रूस के नागरिकों को यह मुफ्त में दी जाएगी।

रूस के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई काप्रिन ने बताया कि यह वैक्सीन कैंसर सेल्स पर सीधा असर करती है और शरीर की टी सेल्स को सक्रिय कर उन्हें ट्यूमर से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करती है।

वैक्सीन कैसे काम करती है?

रूस की फेडरल मेडिकल बायोलॉजिकल एजेंसी की प्रमुख वेरोनिका स्वोर्त्सकोवा ने समझाया कि वैक्सीन को खासतौर पर मेलानोमा (स्किन कैंसर) के उदाहरण से परखा गया।

  • सबसे पहले मरीज के शरीर से कैंसर सेल्स का सैंपल लिया जाता है।
  • इसके बाद ट्यूमर सेल्स के जीन की सीक्वेंसिंग की जाती है।
  • इन सेल्स में मौजूद प्रोटीन की पहचान की जाती है, जो कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
  • इसके बाद mRNA वैक्सीन बनाई जाती है, जो शरीर को टी सेल्स बनाने का निर्देश देती है।
  • ये टी सेल्स ट्यूमर पर हमला कर कैंसर सेल्स को नष्ट कर देते हैं।

महत्वपूर्ण: इस प्रक्रिया से शरीर कैंसर सेल्स को पहचानना सीख जाता है, जिससे कैंसर दोबारा लौटने की संभावना कम हो जाती है।

अमेरिकी कैंसर विशेषज्ञों ने भी की पुष्टि

अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैंसर विशेषज्ञ एलियास सयूर के अनुसार, इस तकनीक से बनी वैक्सीन ने ब्रेन कैंसर जैसे घातक कैंसर पर 48 घंटे से भी कम समय में प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया था।

ऑन्कोलिटिक वायरोथेरेपी: कैंसर के खिलाफ दूसरी खोज

रूस सिर्फ mRNA वैक्सीन तक ही सीमित नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ऑन्कोलिटिक वायरोथेरेपी पर भी काम कर रहा है।

  • इसमें मॉडिफाइड वायरस का उपयोग कर कैंसर सेल्स पर हमला किया जाता है।
  • वायरस कैंसर सेल्स में प्रजनन कर उन्हें खत्म कर देता है।
  • इस थेरेपी के लिए बनाई गई वैक्सीन को एंटेरोमिक्स नाम दिया गया है।

रूस की नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर के अनुसार, इस वैक्सीन का रिसर्च साइकिल पूरा हो चुका है और जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा।

वैक्सीन से उम्मीदें: कैंसर के खिलाफ नई क्रांति?

कैंसर के महंगे इलाज और सीमित उपचार विकल्पों के कारण हर साल लाखों लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में हर साल 10 मिलियन से अधिक मौतें कैंसर की वजह से होती हैं।
  • नई तकनीक आधारित यह वैक्सीन उपचार को सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में बड़ी क्रांति साबित हो सकती है।

कब तक मिलेगी दुनिया को वैक्सीन?

हालांकि, रूस की यह वैक्सीन रूसी नागरिकों के लिए 2025 की शुरुआत में उपलब्ध होगी। लेकिन बाकी देशों के लिए यह कब उपलब्ध होगी, इस पर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।