Bihar Teachers transfer:बिहार शिक्षक तबादला नीति में बदलाव, छोटे जिलों में होगा नया संशोधन
बिहार में शिक्षक तबादला नीति में जल्द होगा बदलाव। छोटे जिलों में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर नया नियम आएगा। शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी। जानें पूरी खबर।
पटना, 12 नवंबर: बिहार में हाल ही में जारी हुई शिक्षक तबादला नीति में बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने छोटे जिलों में शिक्षकों के तबादले के नियमों को बदलने का फैसला किया है। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी और कहा कि जिन जिलों में सिर्फ एक ही अनुमंडल है, वहां शिक्षकों के तबादले के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
छोटे जिलों में शिक्षकों के तबादले का नया तरीका
बिहार के 8 जिलों में एक ही अनुमंडल है। इनमें अरवल, बांका, जमुई, जहानाबाद, किशनगंज, लखीसराय, शेखपुरा और शिवहर जिले शामिल हैं। इन जिलों में अब तक शिक्षकों को अपने गृह अनुमंडल में ट्रांसफर का विकल्प नहीं मिल पा रहा था। मौजूदा नियमावली के मुताबिक, पुरुष शिक्षक अपने गृह अनुमंडल में ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे। ऐसे में शिक्षकों को दूसरे अनुमंडल में ही आवेदन करना पड़ता था।
अब शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस पर कहा कि सरकार इस नीति में जल्द ही बदलाव करने जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में एक ही अनुमंडल है, वहां शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर नया फैसला लिया जाएगा। इन अनुमंडलों को दो हिस्सों में बांटकर शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे शिक्षकों को अपने गृह अनुमंडल में ट्रांसफर का विकल्प मिलेगा। इसके लिए मौजूदा नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
शिक्षक तबादला प्रक्रिया की शुरुआत
बिहार में सरकारी शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया 7 नवंबर से शुरू हो गई थी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की थी, जिससे शिक्षक अपनी ट्रांसफर आवेदन ऑनलाइन दे सकते हैं। अब तक 36 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने आवेदन किया है। यह प्रक्रिया 22 नवंबर तक चलेगी।
शिक्षकों के लिए नए अवसर
शिक्षकों के लिए यह बदलाव एक बड़ा अवसर होगा। छोटे जिलों में कार्यरत शिक्षकों को अब अपने गृह अनुमंडल में ट्रांसफर का विकल्प मिलेगा। इससे उन शिक्षकों को राहत मिलेगी जो कई सालों से दूसरे अनुमंडल में तैनात थे। इस बदलाव के बाद उम्मीद की जा रही है कि शिक्षक अपने परिवार के पास लौट सकेंगे और उनका कामकाजी जीवन बेहतर हो सकेगा।
नीति में बदलाव की जरूरत
बिहार के शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जिन जिलों में सिर्फ एक अनुमंडल है, वहां शिक्षक अपने घर के पास ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह नीति सुधार के बाद शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करेगी। खासकर छोटे जिलों में रहने वाले शिक्षक जिनकी पारिवारिक स्थितियां कठिन थीं, उनके लिए यह एक सकारात्मक कदम होगा।
शिक्षक तबादला नीति का असर
बिहार में लगभग साढ़े पांच लाख सरकारी शिक्षक हैं। इनमें से कई शिक्षक अब तक ट्रांसफर नीति से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई थी कि इस नीति में बदलाव किया जाएगा। अब जब यह बदलाव हुआ है, तो यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे।
आने वाले समय में बदलाव
शिक्षक तबादला नीति में संशोधन की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी। इसके बाद शिक्षा विभाग और राज्य सरकार द्वारा इस संशोधित नीति का पालन किया जाएगा। यह कदम राज्य के शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
बिहार में शिक्षकों के तबादले के नियमों में सुधार लाने के लिए सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है। छोटे जिलों में एक ही अनुमंडल के होने के कारण शिक्षकों को अब तक कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब यह नीति बदलने जा रही है, जिससे शिक्षकों को राहत मिलेगी और वे अपने घर के पास रहकर काम कर सकेंगे।
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