Nawada Hospital: स्ट्रेचर की कमी से मरीज को गोद में उठाकर ले गए परिजन, अस्पताल प्रशासन पर सवाल

नवादा जिले के सदर अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी के कारण परिजनों को मरीज को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने मौन रहते हुए व्यवस्था सुधारने का वादा किया।

Nov 26, 2024 - 16:27
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Nawada Hospital: स्ट्रेचर की कमी से मरीज को गोद में उठाकर ले गए परिजन, अस्पताल प्रशासन पर सवाल
Nawada Hospital: स्ट्रेचर की कमी से मरीज को गोद में उठाकर ले गए परिजन, अस्पताल प्रशासन पर सवाल

नवादा जिले के सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां स्ट्रेचर की कमी के कारण एक वृद्ध मरीज को उनके परिजनों को गोद में उठाकर इमरजेंसी वार्ड तक ले जाना पड़ा। यह घटना अस्पताल की अव्यवस्थाओं और सुविधाओं की कमी पर सवाल खड़े कर रही है।

स्ट्रेचर की अनुपलब्धता के कारण मरीज का इलाज प्रभावित

घटना उस वक्त की है जब एक वृद्ध मरीज अपने परिजनों के साथ सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। मरीज के चलने में असमर्थ होने के कारण उनके परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ से स्ट्रेचर की मांग की, लेकिन अस्पताल के कर्मियों ने कहा कि स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं है। इसके बाद, परिजनों ने मरीज को रिक्शे से उतारकर और उन्हें गोद में उठाकर इमरजेंसी विभाग तक पहुंचाया।

यह दृश्य अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों और उनके परिजनों के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बना। अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में इस तरह की व्यवस्था की कमी ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

अस्पताल प्रशासन ने क्या कहा?

इस घटना के बाद अस्पताल के प्रबंधक कुमार आदित्य ने जानकारी दी कि वर्तमान में अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी है। उन्होंने कहा,

"हम इसके समाधान के लिए व्यवस्था बढ़ा रहे हैं और भविष्य में ऐसी समस्या नहीं होगी।"

हालांकि, यह बयान मरीजों और उनके परिजनों के लिए संतोषजनक नहीं था, क्योंकि सदर अस्पताल की जैसी समस्या नवादा जिले के कई सरकारी अस्पतालों में देखी जाती है। यहां पर मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।

क्या है अस्पताल की हालत?

नवादा के सदर अस्पताल में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अस्पताल में सुविधाओं की कमी को लेकर कई बार शिकायतें आ चुकी हैं। स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की कमी जैसी समस्याओं का सामना मरीजों और उनके परिजनों को करना पड़ता है। जब प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की यह स्थिति है, तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है।

समस्या का समाधान या सिर्फ दिखावा?

अस्पताल प्रबंधन की ओर से जो बयान आया है, उससे यह सवाल उठता है कि जब अस्पताल में इतनी बड़ी समस्या है, तो इसे तुरंत हल क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या यह केवल एक अस्थायी समाधान है या अस्पताल प्रशासन वाकई में संवेदनशीलता से काम करेगा और सुविधाओं की कमी को दूर करेगा?

सवाल उठाते हैं: क्या हम सबका स्वास्थ्य सुरक्षित है?

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकार और अस्पताल प्रशासन सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रहे हैं? क्या नवादा जैसे जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?

परिजनों और मरीजों के लिए संदेश

जिन मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है, उन्हें यह समस्या न हो, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जागरूक और सक्रिय रहना चाहिए। यह घटना नवादा जिले के हर नागरिक के लिए एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।