Ranchi Case: छवि रंजन की जमानत पर 9 दिसंबर को कोर्ट का फैसला, जमीन घोटाले में बढ़ी सस्पेंस की परतें
रांची में सेना के कब्जे वाली जमीन घोटाले के आरोपी पूर्व डीसी छवि रंजन की जमानत पर कोर्ट 9 दिसंबर को फैसला सुनाएगा। जानें पूरी घटना और आरोपियों की जानकारी।
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीद-बिक्री से जुड़े बड़े जमीन घोटाले में आरोपियों की एक नई कड़ी जुड़ गई है। इस घोटाले के प्रमुख आरोपी, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, की जमानत पर कोर्ट 9 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले को लेकर पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की तारीख तय की थी, लेकिन किसी तकनीकी कारण से अब इस मामले पर अंतिम निर्णय 9 दिसंबर को होगा।
रांची में इस घोटाले की जांच ईडी ने कांड संख्या 01/2023 के तहत शुरू की थी। इसके तहत आरोपी और उनके कृत्यों की जांच की जा रही है। इस मामले में ईडी ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें छवि रंजन के अलावा, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, कथित रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान, और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
मामले की तह में जाने से पता चलता है कि जमीन घोटाले के लिए दोषियों ने सेना के कब्जे वाली जमीन से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उन दस्तावेजों के आधार पर खरीद-बिक्री की गतिविधियां कीं। यह घोटाला इतना बड़ा है कि इसमें रांची के पूर्व उपायुक्त भी शामिल हैं, जिन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए राज्य की संपत्ति को अवैध तरीके से बेचा।
इस घोटाले की जांच में शामिल अधिकारियों का कहना है कि घोटाले का रैकेट बहुत ही संगठित था और इसमें कई लोग शामिल थे। अब तक की जांच से यह भी संकेत मिलते हैं कि जमीन के लेन-देन में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रसीदें भी बरामद की गई हैं जो इस घोटाले की कड़ी को मजबूत करती हैं।
पुलिस और ईडी अधिकारियों का कहना है कि इस घोटाले की गहराई को समझने के लिए और भी कई पहलुओं की जांच की जा रही है। छवि रंजन और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर उन्हें सजा का सामना करना पड़ सकता है।
आरोपियों की न्यायिक हिरासत और कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच रांची की जनता और राजनीतिक हलकों में इस मामले को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। यह घोटाला न केवल सरकारी तंत्र की विफलता का परिचायक है, बल्कि भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग की गंभीर तस्वीर भी पेश करता है।
जमानत की सुनवाई में अदालत का फैसला इस मामले में नया मोड़ ला सकता है। अगर छवि रंजन को जमानत मिलती है, तो इससे इस मामले की दिशा पर असर पड़ सकता है। अगर जमानत नहीं मिलती, तो यह उनके लिए बड़ी झटका होगी और उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई के रास्ते खुल सकते हैं।
इस मामले को लेकर रांची में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। कई राजनीतिक पार्टियों ने सरकार से मांग की है कि इस घोटाले की निष्पक्ष और पूरी जांच की जाए, ताकि मामले में शामिल हर आरोपी को सजा मिले।
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