LPG Price Hike : GasPrice बढ़ते ही मचा हड़कंप! अब 910 रुपये में मिलेगा एक सिलेंडर, जानिए सरकार का नया फॉर्मूला

रांची में रसोई गैस के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी से मचा हड़कंप! अब सिलेंडर की कीमत पहुंची 910 रुपये। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर भी उत्पाद शुल्क बढ़ाया, जानें इसका आपके बजट पर क्या असर होगा।

Apr 8, 2025 - 11:01
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LPG Price Hike : GasPrice बढ़ते ही मचा हड़कंप! अब 910 रुपये में मिलेगा एक सिलेंडर, जानिए सरकार का नया फॉर्मूला
LPG Price Hike : GasPrice बढ़ते ही मचा हड़कंप! अब 910 रुपये में मिलेगा एक सिलेंडर, जानिए सरकार का नया फॉर्मूला

Ranchi: सोमवार को जैसे ही केंद्र सरकार ने रसोई गैस के दाम में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की घोषणा की, पूरे देश में हड़कंप मच गया। झारखंड की राजधानी रांची में इसका असर तुरंत देखने को मिला। अब तक जो सिलेंडर 860 रुपये में मिलता था, उसकी कीमत 910 रुपये हो गई है।

ये सिर्फ एक कीमत की खबर नहीं है, बल्कि आम आदमी की रसोई से लेकर पूरे बजट तक का गणित बदलने वाली खबर है। खास बात ये है कि यह बढ़ोतरी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी लागू होगी। यानी गैस सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं को भी अब जेब ढीली करनी पड़ेगी।

 इतिहास से सीख: रसोई गैस की कीमतों का उतार-चढ़ाव

भारत में रसोई गैस के दाम हमेशा से चर्चा में रहे हैं। 2014 में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरी थीं, तब सरकार ने गैस की कीमतों को स्थिर बनाए रखा था। लेकिन हाल के वर्षों में, हर कुछ महीने पर कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती रही है।

सरकार का कहना है कि गैस की कीमतों की हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी, यानि आम जनता को अब हर दो हफ्ते में एक नई चुनौती के लिए तैयार रहना होगा।

 डबल झटका! पेट्रोल-डीजल पर भी टैक्स बढ़ा

सिर्फ गैस ही नहीं, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (excise duty) में भी 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। हालांकि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इसका असर खुदरा उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा।

कैसे? सरकार के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण जो मुनाफा पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहा है, उसी से इस टैक्स को समायोजित किया जाएगा। यानी जनता को कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।

लेकिन सवाल ये है कि कब तक? क्या तेल कंपनियां अपने मुनाफे का हिस्सा हमेशा सरकार के लिए छोड़ती रहेंगी?

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार का गणित

पुरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें जो पहले 70-75 डॉलर प्रति बैरल थीं, अब गिरकर 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं। अगर ये गिरावट बनी रहती है, तो भविष्य में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती भी संभव है।

हालांकि, भारत जैसे देश में जहां तेल की खपत दिन-ब-दिन बढ़ रही है, वहां वैश्विक गिरावट का फायदा आम जनता तक कितना पहुंचेगा, ये देखना बाकी है।

 आम जनता बोले – “ये तो सीधा जेब पर वार है”

रांची की स्थानीय जनता का कहना है कि हर महीने गैस और पेट्रोल के खर्चे ने घरेलू बजट को हिला कर रख दिया है। एक स्थानीय निवासी रेखा देवी ने बताया, “पहले हम 800 में गैस लेते थे, अब 910 में लेना पड़ेगा। ऊपर से बिजली, सब्ज़ी और स्कूल की फीस – सब बढ़ता जा रहा है।”

सरकार को मिलेगा 32,000 करोड़ का अतिरिक्त टैक्स!

उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार को 32,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। सवाल ये है कि क्या इस पैसे का इस्तेमाल आम जनता के हित में होगा, या फिर सिर्फ आंकड़ों में ही इसका असर दिखेगा?


गैस की कीमत में यह बढ़ोतरी सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे आम आदमी की जिंदगी को प्रभावित करता है। पेट्रोल-डीजल के टैक्स और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार और जनता – दोनों के बीच एक नया संतुलन बनना बाकी है।

अब देखना ये होगा कि हर 15 दिन में की जाने वाली समीक्षा से राहत मिलती है या और झटके झेलने पड़ते हैं। तब तक के लिए, गैस का हर सिलेंडर अब और भी कीमती हो गया है – संभाल कर रखिए!

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।