Jharkhand MurderShock: शराब के लिए मां की हत्या! बेटे ने खुद किया पुलिस के सामने खुलासा
झारखंड के चान्हो में एक दिल दहला देने वाली घटना में 22 साल के युवक ने शराब के लिए अपनी मां की हत्या कर दी। घटना के बाद खुद थाने पहुंचकर किया आत्मसमर्पण। जानिए पूरी कहानी।

Jharkhand: एक ऐसी खबर जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। झारखंड के रांची जिले के चान्हो थाना क्षेत्र के बीजूपाड़ा गांव से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। 22 वर्षीय युवक ने महज शराब खरीदने के लिए अपनी मां की गला दबाकर हत्या कर दी, और हैरानी की बात यह कि इसके बाद वह खुद पुलिस थाने पहुंचा और पूरी कहानी बयां की।
शराब की लत और एक मां की मौत
घटना के आरोपी युवक का नाम शिवशंकर उरांव उर्फ भानू है। चार भाइयों में सबसे छोटा शिवशंकर, जो अक्सर नशे में रहता था, सोमवार शाम को घर में सिर्फ अपनी 60 वर्षीय मां सुंदरी उरांव के साथ था। बाकी तीन भाई बाहर गए हुए थे।
शिवशंकर घर से धान से भरा बोरा उठाकर बाहर जा रहा था। मां ने पूछा तो उसने साफ कह दिया कि वह शराब खरीदने के लिए धान बेचने जा रहा है। मां ने विरोध किया, समझाने की कोशिश की—but ये विरोध उसकी लत के सामने बेबस साबित हुआ।
छीना-झपटी और हत्या
मां के मना करने पर दोनों के बीच बहस और हाथापाई हुई। गुस्से में आकर शिवशंकर ने अपनी मां को ज़मीन पर पटक दिया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। कुछ ही मिनटों में, मां की सांसें हमेशा के लिए थम गईं।
इस दिल दहला देने वाले अपराध को अंजाम देने के बाद शिवशंकर के अंदर कुछ जागा और वह सीधा चान्हो थाना पहुंचा। वहां जाकर उसने पुलिस के सामने घटना की पूरी जानकारी दी और आत्मसमर्पण कर दिया।
शराब की लत: एक सामाजिक कैंसर
ग्रामीणों ने बताया कि शिवशंकर अक्सर नशे में धुत रहता था। वह कई बार परिवार के साथ मारपीट भी कर चुका था, लेकिन किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था कि ये लत एक दिन मां की जान ले लेगी।
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे समाज की उस कड़वी सच्चाई की झलक है, जहां नशे की गिरफ्त में फंसा युवा अपने संस्कार, रिश्ते और आत्मा तक को खो बैठता है।
पुलिस कार्रवाई और पोस्टमार्टम
पुलिस ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए रिम्स, रांची भेज दिया। थाना प्रभारी चंदन कुमार गुप्ता ने पुष्टि की है कि आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
ऐसे मामलों का इतिहास
झारखंड जैसे राज्यों में नशे से जुड़ी घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछले वर्षों में भी कई वारदातें नशे के कारण घट चुकी हैं, लेकिन जागरूकता और शिक्षा की कमी ने इन्हें रोकने में बाधा डाली है।
राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान और महिला सुरक्षा कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर और प्रभावी बनाने की ज़रूरत है।
समाज का दायित्व क्या है?
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या हम अपने आसपास ऐसे युवाओं को पहचान पा रहे हैं जो नशे की गिरफ्त में हैं? क्या हम उन्हें समय रहते मदद दे रहे हैं?
सरकार, समाज और परिवार—सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि ऐसे मामलों को मात्र खबर बनने से पहले ही रोका जाए।
शिवशंकर की कहानी एक चेतावनी है—हमारे युवाओं को नशे की दलदल से निकालने की। एक मां की ममता, एक बेटे की लत और एक गांव की सिहरन—इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है।
अब ज़रूरत है जागरूकता, संवाद और समय रहते हस्तक्षेप की—ताकि कोई और मां, कोई और परिवार, नशे की भेंट न चढ़े।
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