एमजीएम अस्पताल की नयी अधीक्षक डॉक्टर शिखा रानी ने संभाला पदभार, 25 माह में ही बदले गये डॉक्टर रवींद्र कुमार
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में डॉक्टर शिखा रानी ने नयी अधीक्षक के रूप में पदभार ग्रहण किया। 25 माह में डॉक्टर रवींद्र कुमार को हटाया गया। डॉक्टर शिखा रानी अस्पताल की पहली महिला अधीक्षक हैं।
जमशेदपुर के प्रतिष्ठित एमजीएम अस्पताल में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है, जब डॉक्टर शिखा रानी ने शनिवार को अधीक्षक पद का प्रभार ग्रहण किया। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। डॉक्टर शिखा रानी ने डॉक्टर रवींद्र कुमार का स्थान लिया, जिन्हें 25 माह के कार्यकाल के बाद हटा दिया गया। 3 अगस्त 2022 को डॉक्टर रवींद्र कुमार को अधीक्षक पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन हाल ही में अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार न होने के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने पिछले महीने एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की अव्यवस्था से नाराज होकर उन्होंने एक सप्ताह के भीतर सुधार का निर्देश दिया था, अन्यथा अधीक्षक को पद से हटाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट भी सरकार को भेजी, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि अस्पताल के संचालन में अधीक्षक की दिलचस्पी नहीं है। इसी के परिणामस्वरूप डॉक्टर रवींद्र कुमार को अधीक्षक पद से हटाया गया है।
डॉक्टर शिखा रानी एमजीएम अस्पताल की पहली महिला अधीक्षक हैं, जिससे यह अस्पताल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। डॉक्टर शिखा रानी पिछले कई वर्षों से एमजीएम अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विभाग में प्राध्यापक पद पर कार्यरत थीं, और वे अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाओं और समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं। इस कारण माना जा रहा है कि उन्हें अस्पताल के संचालन में अधिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
डॉक्टर शिखा रानी ने पदभार ग्रहण करते समय कहा कि उनकी प्राथमिकता अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए वे जल्द ही सभी विभागाध्यक्षों और चिकित्सकों की बैठक बुलाकर एक रणनीति तैयार करेंगी। इसके अलावा, उन्होंने साफ-सफाई और अस्पताल की अनुशासन व्यवस्था पर भी विशेष जोर देने की बात कही। उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सकों को समय पर ड्यूटी पर उपस्थित रहना होगा ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो।
डॉक्टर शिखा रानी के सामने कई चुनौतियाँ होंगी, जिनमें अस्पताल की सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने का दायित्व प्रमुख है। मरीजों और अस्पताल के कर्मचारियों की बेहतर सेवा और सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
डॉक्टर शिखा रानी के अधीक्षक पद पर नियुक्त होने से एमजीएम अस्पताल में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। उनकी नियुक्ति से न केवल अस्पताल के प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि मरीजों की सेवा और अस्पताल की समग्र छवि में भी सुधार आने की संभावना है। आने वाले समय में उनके नेतृत्व में एमजीएम अस्पताल का संचालन किस तरह से होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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