Saraikela Theft : आदित्यपुर में चोरों का धावा, पानी के लिए तरसे लोग!
सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर में चोरों ने बीती रात कई घरों से मोटर के तार उड़ा दिए। 20 हजार की चोरी से मोहल्ले में हड़कंप, पानी की किल्लत और पुलिस गश्त पर सवाल।
सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में बीती रात चोरी की ऐसी वारदात सामने आई जिसने पूरे मोहल्ले की नींद उड़ा दी।
एलआईजी फ्लैट रोड नंबर 15 पर चोरों ने एक साथ कई घरों को निशाना बनाया और वहां लगे मोटर पंप के तार काटकर चुरा ले गए। चोरी का यह खेल रातभर चलता रहा और सुबह जब लोग पानी भरने के लिए मोटर चलाने पहुंचे, तब जाकर हड़कंप मचा।
चोरों ने साधा मोटर पर निशाना
स्थानीय लोगों के अनुसार, चोरों ने बड़ी चालाकी से मोटर के बिजली तार काट डाले और उन्हें उखाड़कर ले गए। अनुमान है कि चोरी गए तारों की कीमत लगभग 20 हजार रुपये के आसपास है।
सुबह जब लोगों को यह वारदात पता चली तो मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सबसे बड़ी दिक्कत यह हुई कि तार चोरी होने से मोटर काम नहीं कर पा रहे थे और पानी की किल्लत खड़ी हो गई।
त्योहार से पहले बढ़ी चिंता
स्थानीय निवासियों ने बताया कि त्योहारों के समय जब घर-घर में साफ-सफाई और तैयारी जोरों पर है, ऐसे में पानी की समस्या ने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।
लोगों का कहना है कि पुलिस इस वक्त केवल त्योहारी चेकिंग अभियान में व्यस्त है और रात की गश्त पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। यही वजह है कि चोरों के हौसले बुलंद हैं।
पुलिस के खिलाफ आक्रोश
इस चोरी के बाद मोहल्लेवासियों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा।
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उनका कहना है कि रात में पुलिस की गश्ती सिर्फ दिखावे तक सीमित है।
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इलाके में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
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लोगों ने मांग की है कि अब रात में गश्त तेज की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
इतिहास से सीख
वैसे तो आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र होने की वजह से पहले भी चोरी और लूट की घटनाएं होती रही हैं।
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बीते वर्षों में यहां बिजली के तार, पाइप और लोहे के सामान चोरी की कई घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
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खासकर औद्योगिक एरिया और रिहायशी इलाकों में तार चोरी करने वाले गैंग सक्रिय रहे हैं।
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पुराने रिकॉर्ड खंगालें तो साल 2018 और 2020 में भी इसी तरह की वारदातें सामने आई थीं, जब चोरों ने एक साथ कई घरों से तार और पाइप उखाड़ लिए थे।
ऐतिहासिक तौर पर यह साफ दिखता है कि पुलिस की लापरवाही और गश्त की कमी से चोरी की घटनाओं को रोकना मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि आखिर आदित्यपुर जैसे महत्वपूर्ण इलाके में रात का सुरक्षा तंत्र क्यों कमजोर है।
लोगों का कहना है कि त्योहारों से ठीक पहले इस तरह की वारदातें आम जनता को डर और परेशानी में डाल रही हैं।
आदित्यपुर की यह घटना सिर्फ 20 हजार रुपये की चोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहर की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने गश्त और निगरानी को मजबूत नहीं किया, तो भविष्य में और बड़ी घटनाएं हो सकती हैं।
इस चोरी ने एक ओर जहां निवासियों को पानी के संकट में डाल दिया, वहीं यह संदेश भी दे दिया कि अब रात की नींद चोरों के भरोसे है।
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