Jharkhand List: पुलिस बना रही दुश्मन और दोस्त की लिस्ट, जानें इस खास योजना का उद्देश्य
झारखंड पुलिस अपराधियों और समर्थकों की पहचान के लिए "नो योर फ्रेंड्स" और "नो योर एनमी" योजना के तहत दोस्तों और दुश्मनों की लिस्ट बना रही है। जानें कैसे मदद करेगा यह कदम।
झारखंड में अपराध और उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने एक अनोखी पहल शुरू की है। अब पुलिस अपने समर्थकों और दुश्मनों की एक विशेष सूची तैयार कर रही है। इस सूची को थाने से लेकर एसपी और डीएसपी स्तर तक दस्तावेजीकृत किया जाएगा।
क्या है "नो योर फ्रेंड्स" और "नो योर एनमी" योजना?
झारखंड पुलिस ने इस योजना के तहत दो अलग-अलग सूचियां तैयार करने की शुरुआत की है:
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नो योर फ्रेंड्स (अपने दोस्तों को जानें):
इस सूची में वे लोग शामिल होंगे जो पुलिस का समर्थन करते हैं या अपराध रोकने में मदद करते हैं। -
नो योर एनमी (अपने दुश्मनों को जानें):
इसमें अपराधी, उग्रवादी और उनके समर्थक, ओवर ग्राउंड वर्कर्स, और अपराधियों के मददगारों के नाम शामिल होंगे।
कैसे बनेगी यह सूची?
यह सूची थाना स्तर पर तैयार की जाएगी और इसे डीएसपी और एसपी स्तर पर सत्यापित और दस्तावेजीकृत किया जाएगा। सूची तैयार होने के बाद इसे अपराध नियंत्रण की रणनीति में शामिल किया जाएगा।
इतिहास में अपराध नियंत्रण का महत्व
भारत में अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस का दस्तावेजीकरण कोई नई बात नहीं है। 1980 के दशक में मुंबई पुलिस ने अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पहली बार "मोस्ट वांटेड" सूची तैयार की थी। झारखंड पुलिस की यह नई पहल उसी दिशा में एक और कदम है।
डीजीपी का निर्देश और आगे की योजना
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपराध और उग्रवाद की समीक्षा के दौरान सभी जिलों के एसपी, डीआईजी, और आईजी को इस योजना पर काम शुरू करने का निर्देश दिया है। उनका मानना है कि इससे अपराध पर नियंत्रण पाने में काफी मदद मिलेगी।
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दोस्तों की सूची:
इसमें स्थानीय नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, और पुलिस के लिए काम करने वाले लोग शामिल होंगे। -
दुश्मनों की सूची:
इसमें उग्रवादी, अपराधी समूह, उनके समर्थक, और मददगार शामिल होंगे।
लिस्ट का उद्देश्य:
पुलिस का मानना है कि इन सूचियों के जरिए:
- अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग आसान होगी।
- पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास बढ़ेगा।
- उग्रवाद और अपराध पर कड़ा नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
पुलिस की तैयारी:
झारखंड पुलिस ने इस योजना की पूरी तैयारी कर ली है। हर थाना क्षेत्र में दोस्तों और दुश्मनों की लिस्ट तैयार की जा रही है। इस लिस्ट के आधार पर पुलिस कार्रवाई की रणनीति बनाएगी।
इस योजना से क्या होगा बदलाव?
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अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर:
अपराधियों के जमानतदारों का सत्यापन और डोजियर तैयार करने की प्रक्रिया को भी मजबूत किया जाएगा। -
समर्थकों की पहचान:
ऐसे लोग जो पुलिस की सहायता करते हैं, उन्हें विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। -
समुदाय और पुलिस का बेहतर तालमेल:
स्थानीय नागरिकों और पुलिस के बीच संवाद को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।
झारखंड पुलिस की "नो योर फ्रेंड्स" और "नो योर एनमी" योजना राज्य में अपराध और उग्रवाद पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। यह न केवल अपराधियों की गतिविधियों को सीमित करेगा, बल्कि समाज और पुलिस के बीच विश्वास को भी मजबूत करेगा। आने वाले समय में इस योजना के नतीजे देखने लायक होंगे।
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