Ranchi: बांग्लादेशी घुसपैठ पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, नकदी, फर्जी दस्तावेज और अवैध हथियार बरामद
झारखंड और बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर ईडी की छापेमारी, नकदी, जाली आधार और पासपोर्ट सहित अवैध सामग्री जब्त। जानें कैसे काले धन और अवैध गतिविधियों के नेटवर्क को बेनकाब किया जा रहा है।
रांची: झारखंड और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को रांची, पाकुड़ और कोलकाता समेत 17 ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत आए लोगों और उन्हें समर्थन देने वाले नेटवर्क को तोड़ने के लिए की गई है।
क्या मिला छापेमारी में?
ईडी की टीम ने रांची में बरियातू के होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस, बाली रिसॉर्ट और माउंटेन व्यू रिसॉर्ट समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी की। पाकुड़ में अल्ताफ मनकर के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई। इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, आभूषण, फर्जी आधार कार्ड, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, प्रिंटिंग पेपर और फर्जी पहचान बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं।
मामला कैसे बना?
इस कार्रवाई का आधार 16 सितंबर को दर्ज किया गया मनी लॉन्ड्रिंग का एक केस है। दरअसल, झारखंड पुलिस की एक रिपोर्ट में बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और घुसपैठ के संदिग्ध मामलों का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसे दलालों ने नौकरी का लालच देकर बांग्लादेश से भारत लाया। 21 वर्षीय इस युवती को 31 मई को निजी एजेंटों की सहायता से कोलकाता के रास्ते से भारत में घुसाया गया।
युवती का आरोप है कि उसे ब्यूटी सैलून में काम दिलाने का झांसा दिया गया, लेकिन उसे जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया। इस मामले में पुलिस ने कुछ अन्य महिलाओं और एजेंटों को भी गिरफ्तार किया था, जिनके जरिए यह खुलासा हुआ कि बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज देकर भारत में स्थायी रूप से बसाया जा रहा है।
अवैध गतिविधियों का जाल
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि कई लोग इस नेटवर्क में शामिल हैं जो बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से घुसपैठ कराने के बाद उन्हें फर्जी पहचान प्रमाण पत्र उपलब्ध कराते हैं। यह नेटवर्क न सिर्फ काले धन का स्रोत बना हुआ है बल्कि कई आपराधिक गतिविधियों में भी संलिप्त है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी दस्तावेज बनाना शामिल है।
चुनावी माहौल में बढ़ी सतर्कता
झारखंड में आगामी चुनाव के माहौल में इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता प्राप्त करना गंभीर चिंता का विषय है। ईडी की कार्रवाई इस बात को भी सुनिश्चित करने की कोशिश है कि इन घुसपैठियों के जरिए वोट बैंक का कोई दुरुपयोग न हो।
क्या कहता है कानून?
बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भारतीय कानून में कड़े प्रावधान हैं, लेकिन इस प्रकार की गतिविधियां कई वर्षों से सुर्खियों में रही हैं। बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों का मामला भारत में कई बार राजनैतिक मुद्दा बन चुका है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, सीमावर्ती राज्यों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का खेल लंबे समय से जारी है। ऐसे मामलों में कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल उठते हैं, इसलिए ईडी और पुलिस की सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।
आगे की जांच
ईडी ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान दस्तावेजों के जरिए नागरिकता देने के मामलों में व्यापक जांच की जा रही है। इस जांच का उद्देश्य अवैध गतिविधियों और काले धन को बढ़ावा देने वाले सभी व्यक्तियों और उनके नेटवर्क को पूरी तरह से बेनकाब करना है।
ईडी की इस कार्रवाई ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रहे बांग्लादेशी घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग के जाल को उजागर किया है। इस छापेमारी से जुड़े और भी कई खुलासे होने की संभावना है, जिससे न सिर्फ काला धन, बल्कि अन्य अपराधों पर भी रोक लग सकेगी। अब देखना यह है कि इस मामले में और किन-किन चेहरों का नाम सामने आता है और ईडी की यह कार्रवाई किस तरह से अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाती है।
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