Jamshedpur Training: रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू!

सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर में आयोजित रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच (MIRC-25) प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में पढ़ें और जानें कि यह कैसे रेलवे उद्योग को बेहतर बनाएगा।

Jan 22, 2025 - 18:13
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Jamshedpur Training: रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू!
Jamshedpur Training: रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू!

22 जनवरी से 25 जनवरी 2025 तक, सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर में रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच (MIRC-25) पर एक विशेष तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रेलवे उद्योग में काम कर रहे पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें उन्हें घटक विफलता की जांच और धातुकर्म संबंधी गहरे सिद्धांतों से परिचित कराया जाएगा। इस कार्यक्रम में रेलवे डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के लगभग 10 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व:

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को रेलवे घटकों के धातुकर्म से जुड़ी सभी पहलुओं पर गहन जानकारी देना है। इसमें शामिल होंगे विभिन्न सामग्रियों के भौतिक धातुकर्म, घटक योग्यता के लिए प्रासंगिक मानकों, सेवा शर्तों के तहत प्रचलित क्षति तंत्र, सूक्ष्म तकनीकों और परीक्षण प्रक्रियाओं से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु। इससे प्रतिभागियों को घटक विफलता की जांच के अनुक्रमिक कार्यप्रणाली का समझने का मौका मिलेगा, जो उन्हें अपने संबंधित कार्यों में बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा।

उद्घाटन समारोह में हुआ विशेष प्रकाशन:

कार्यक्रम की शुरुआत सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी के नेतृत्व में हुई। डॉ. घोष चौधरी ने उद्घाटन समारोह में संस्थान की 1953 से चली आ रही दीर्घकालिक विरासत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से रेलवे घटक विनिर्माण विधियों में सुधार हेतु एनएमएल की भूमिका पर प्रकाश डाला और कैसे यह संस्थान रेलवे घटकों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण और मानकीकरण के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

समझौता ज्ञापन का महत्व:

कार्यक्रम के दौरान, सीएसआईआर-एनएमएल और रेलवे डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) का उल्लेख भी किया गया। यह समझौता अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए है। इसके अंतर्गत, प्रशिक्षण प्रदान करने, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों के निर्माण और क्रियान्वयन, और तकनीकी विचार-विमर्श के लिए पारस्परिक आदान-प्रदान यात्राओं का आयोजन किया जाएगा।

एमआईआरसी-25 की विस्तृत कार्यप्रणाली:

MIRC-25 कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे घटकों की विफलता की जाँच में नवीनतम प्रौद्योगिकी और तकनीकों का उपयोग करना है। इसमें सम्मिलित होंगे सभी प्रमुख घटकों की स्थायित्व और अखंडता का मूल्यांकन, जो भारतीय रेलवे के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल रेलवे घटकों के निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक सिद्धांतों को समझाने में सहायक है, बल्कि इसमें सिखाई जाने वाली सूक्ष्म तकनीकों और परीक्षण प्रक्रियाओं से उद्योग के विकास में भी योगदान मिलेगा।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशेषज्ञ:

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशेषज्ञों में सीएसआईआर-एनएमएल के प्रमुख वैज्ञानिक और धातुकर्म के क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्ति शामिल हैं। इनके मार्गदर्शन में, रेलवे घटक विफलता की जांच के प्रोटोकॉल, प्रक्रियाएं, और मानक सिद्धांतों पर चर्चा की जाएगी।

समापन सत्र और भविष्य की दिशा:

सत्र के अंत में प्रतिभागियों के साथ एक संक्षिप्त परिचय सत्र और समूह फोटोग्राफी का आयोजन किया गया। इसके बाद, MIRC-25 के समन्वयक डॉ. अवनीश चंदन ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ उद्घाटन समारोह का समापन किया। यह कार्यक्रम भारतीय रेलवे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और इसमें शामिल प्रतिभागियों के लिए यह एक बेहतरीन शैक्षिक अनुभव साबित होगा।

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