Purulia Seminar: महिला किसान सशक्तिकरण की नई पहल

पुरुलिया में महिला किसान सशक्तिकरण कार्यशाला ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से अवगत कराया। जानें कैसे मशरूम और स्वीट पोटैटो की खेती उनके जीवन में बदलाव ला सकती है।

Jan 22, 2025 - 18:15
 0
Purulia Seminar: महिला किसान सशक्तिकरण की नई पहल

पुरुलिया। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया शहर में रवींद्र भवन ऑडिटोरियम में स्टेट लेवल महिला किसान सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से कई महिला किसान शामिल हुईं। दीन बंधु ट्रस्ट के अध्यक्ष उत्तम चक्रवर्ती और महासचिव नागेंद्र कुमार के नेतृत्व में झारखंड से किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यशाला का उद्देश्य

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी से महिला किसानों को सशक्त बनाना था। दीन बंधु ट्रस्ट और आटी पुआल मशरूम प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डॉ. अमरेश महतो के सहयोग से इस आयोजन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस कार्यशाला ने किसानों को मशरूम, स्वीट पोटैटो, कसावा, और CR धान 310 जैसी फसलों की उन्नत खेती के लाभों से अवगत कराया।

कार्यक्रम की शुरुआत और सम्मान समारोह

मुख्य अतिथि ICAR/CTCRI के डायरेक्टर डॉ. जी बैजू ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अतिथियों का स्वागत महिला किसानों द्वारा पारंपरिक चंदन तिलक और पुष्प वर्षा के साथ किया गया। आयोजन टीम ने मुख्य अतिथियों को अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

विशिष्ट अतिथियों के विचार

डॉ. बैजू ने कहा कि उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी महिला किसानों की जिंदगी बदलने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने किसानों को कम लागत, कम समय और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाने के उपाय बताए। इसके अलावा, पांच किसानों को पुरस्कार और 30 महिला किसानों को पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण की घोषणा की गई।

कार्यक्रम में उपस्थित IIT खड़गपुर (ABIF) के CEO मनु प्रेम रैना और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एम. नडुंचेझियान ने बताया कि मशरूम और कसावा का बाजार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है। इन फसलों से उत्पादित औषधियां शुगर, गैस्ट्रिक और कैंसर के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

संस्कृति और प्रशिक्षण का संगम

कार्यशाला के दौरान आदिवासी महिला किसानों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस मौके पर किसानों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

यह कार्यशाला महिला किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने का एक प्रयास था। दीन बंधु ट्रस्ट के प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया कि किसान उन्नत खेती और प्रोसेसिंग तकनीक सीखें। इसके अलावा, मुख्य अतिथि डॉ. बैजू ने पुरुलिया के अयोध्या हिल्स और छोला गौड़ा के कृषि स्थलों का निरीक्षण भी किया।

किसानों का संदेश

कार्यशाला में शामिल किसानों ने बताया कि इस कार्यक्रम से उन्हें नई तकनीकों की जानकारी मिली, जिससे वे अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। यह कार्यशाला न केवल कृषि प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार थी, बल्कि महिला किसानों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम भी था।

महिला किसानों के लिए ऐसी कार्यशालाएं ग्रामीण भारत के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। झारखंड और बंगाल के किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर दिखा दिया कि वे आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए तैयार हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow