Dhanbad Fraud: व्यवसायी से जमीन के नाम पर 47 लाख की ठगी, मामला दर्ज!
धनबाद में व्यवसायी के साथ हुई 47 लाख रुपये की ठगी। जानिए किस तरह से आरोपी ने जमीन के नाम पर धोखाधड़ी की और पुलिस ने क्या कदम उठाए।
धनबाद में एक शॉकिंग फ्रॉड का मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यवसायी को जमीन के नाम पर 47 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। यह घटना धनसार थाना क्षेत्र के जोड़ा फाटक में हुई, जहां एक व्यवसायी ने आरोप लगाया कि उसे जमीन देने के नाम पर आरोपी ने लाखों रुपये लिए और एक साल से ज्यादा समय हो गया, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। मामला अब पुलिस के पास है और जांच जारी है। आइए जानते हैं इस फ्रॉड की पूरी कहानी।
क्या था पूरा मामला?
वरुण अग्रवाल नामक व्यवसायी ने धनसार थाना में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें 138 डिसमिल जमीन देने के नाम पर ललित कुमार उर्फ ललित झा और शंभू नाथ झा समेत अन्य आरोपियों ने 47 लाख रुपये की ठगी की। इसमें एक बार 45 लाख रुपये और फिर एक डेढ़ लाख रुपये मांगे गए। वरुण ने बताया कि जमीन का भुगतान करने के बावजूद एक साल तक रजिस्ट्री नहीं की गई। इसके बाद, आरोपियों ने उन्हें बार-बार टालमटोल किया और बाद में फरवरी 2022 में बकाया 50 हजार रुपये लेकर रजिस्ट्री करने का वादा किया, लेकिन 25 अगस्त 2023 तक भी रजिस्ट्री नहीं की गई।
क्यों हुआ था विवाद?
जमीन का मामला और भी उलझा हुआ तब हो गया जब वरुण ने 20 दिसंबर 2024 को जमीन पर काम शुरू किया, ताकि उस पर चहारदीवारी बनाई जा सके। इसके बाद, लगभग 45-50 लोगों ने आकर बलपूर्वक काम रोक दिया। वरुण ने जब उन्हें यह कागजात दिखाए, तो उन्होंने कहा कि यह जमीन उनके रैयती जमीन का हिस्सा है और उन्होंने वरुण से कोई पैसा नहीं लिया है। इस पर जब वरुण ने आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया।
पुलिस कार्रवाई और जांच
वरुण अग्रवाल की शिकायत पर धनसार थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी ललित कुमार, शंभू नाथ झा, राजीव कुमार मिश्रा और राज कुमार के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
धनबाद का इतिहास और इस प्रकार के मामलों में बढ़ोतरी
धनबाद जिले का इतिहास औद्योगिक गतिविधियों से भरा हुआ है, लेकिन अब यहां पर जमीन से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है। इस प्रकार के फ्रॉड्स ने शहर के लोगों में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह सिर्फ एक अकेले व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र में ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या ने समाज को सचेत कर दिया है। जब जमीन के मामलों में पारदर्शिता की कमी होती है, तो यह ऐसे मामलों को जन्म देती है।
सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना यह साबित करती है कि जमीन के लेन-देन में पूरी पारदर्शिता और कानूनी उपायों का पालन कितना जरूरी है। लोगों को अपने रियल एस्टेट डील्स के दौरान पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और बिना कागजी कार्रवाई के कोई भी लेन-देन नहीं करना चाहिए। जब तक पूरा दस्तावेज और रजिस्ट्री प्रोसेस पूरा न हो, तब तक किसी पर भी भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।
धनबाद में हुए इस धोखाधड़ी के मामले ने हमें यह समझने का मौका दिया है कि जमीन खरीदते वक्त हमें कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। यह घटना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई है, और अब देखना यह है कि आरोपी जल्द से जल्द पकड़े जाते हैं या नहीं। इस प्रकार के मामलों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस को और कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
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