Jharkhand Crime: अमन साहू गैंग का आतंक, पुलिस की कार्रवाई से भी नहीं थमा रंगदारी वसूली का सिलसिला!
झारखंड में सक्रिय अपराधी गैंग, जिनमें अमन साहू और उनके साथी रंगदारी वसूलने में जुटे हैं। जानें इन गैंग्स के कनेक्शन और पुलिस की कार्रवाई की पूरी जानकारी।
झारखंड में अपराधी गैंग्स का खौ़फ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इन गैंग्स के कारनामे सिर्फ स्थानीय पुलिस के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। अमन साहू और उसके गैंग के सदस्य राज्य के कोयला क्षेत्र में रंगदारी वसूली के मामले में शामिल हैं, जिनका नेटवर्क अब इतना मजबूत हो चुका है कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बावजूद इनकी हरकतों में कोई कमी नहीं आ रही। यहां तक कि इन गैंग्स के साथ कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का कनेक्शन भी सामने आया है।
झारखंड में बढ़ते अपराध और गैंगस्टर नेटवर्क
रांची, रामगढ़, हजारीबाग, और आसपास के क्षेत्रों में रंगदारी वसूली के लिए अमन साहू गैंग, सुजीत सिन्हा गैंग, पांडेय गैंग और प्रिंस खान गैंग सक्रिय हैं। ये गैंग्स कोयला कारोबारियों, जमीन कारोबारियों, रियल एस्टेट कारोबारियों और ठेकेदारों से भारी रकम वसूलते हैं। पुलिस और एटीएस के बावजूद इन अपराधियों का दुस्साहस कम नहीं हो रहा। हाल ही में, सड़क निर्माण में लगी एजेंसियों पर लगातार हमलों के बाद, एनएचआई को राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग करनी पड़ी थी।
अमन साहू गैंग और उनका लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन
अमन साहू का गैंग झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल तक अपने नेटवर्क फैलाए हुए है। गैंग के सरगना अमन साहू और उसके भाई आकाश साहू फिलहाल जेल में हैं, लेकिन उनके गुर्गे अलग-अलग जगहों पर सक्रिय हैं। यह गैंग अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ भी जुड़ा हुआ है, जो इससे जुड़े अपराधों को और भी जटिल बना देता है। अमन साहू गैंग को रांची, रामगढ़, हजारीबाग, लोहरदगा, लातेहार और धनबाद जैसे जिलों में अपनी पैठ बना चुकी है।
सक्रिय गैंग्स और उनकी क्षेत्रीय पकड़
पांडेय गैंग का सरगना विकास तिवारी, जो जेल में है, रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार और पलामू में अपराधों को अंजाम देता रहा है। सुजीत सिन्हा गैंग भी लंबे समय से पलामू, लातेहार, चतरा, रामगढ़, हजारीबाग और धनबाद क्षेत्र में सक्रिय है, और अब यह गैंग भी जेल में बंद है। वहीं, प्रिंस खान गैंग अब भी धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के बाद मजबूत हो गया है। प्रिंस खान खुद दुबई में छिपा हुआ है, लेकिन इसका गैंग समय-समय पर अपराधों को अंजाम देता रहता है।
नए गैंग्स का उभार और पुलिस के लिए चुनौती
अमन साहू गैंग से अलग होकर राहुल दुबे ने लातेहार में अलग गैंग बना लिया है, जो लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है। हाल ही में, उसका नाम ओरमांझी थाना क्षेत्र के भारत माला प्रोजेक्ट में फायरिंग के मामले में सामने आया था। इसके अलावा, अमन सिंह के पुराने गुर्गे आशीष रंजन उर्फ छोटू ने गिरोह की कमान संभाल ली है। अन्य गैंग्स जैसे अखिलेश सिंह और डब्लू सिंह भी कभी सक्रिय थे, लेकिन अब यह गैंग्स पहले जैसी ताकतवर नहीं हैं।
पुलिस और एटीएस की कार्रवाई
झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम लगातार इन गैंग्स के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अब तक कई अपराधी पकड़े जा चुके हैं। हाल ही में, पांडेय गैंग के गोविंद राय, सूरज साव और बजरंग कुमार जैसे अपराधी पकड़े गए हैं। वहीं, अमन साहू गैंग के गुर्गों में राहुल दुबे, जगत साहू और मनिंद्र कुमार जैसे नाम शामिल हैं। एटीएस ने अमन श्रीवास्तव गैंग से नीरज कुमार और अभय कुमार मिश्रा को भी गिरफ्तार किया है।
झारखंड में गैंगस्टर और अपराधियों के बढ़ते नेटवर्क ने राज्य की पुलिस और एटीएस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। इन गैंग्स की साजिशें और रंगदारी वसूली के मामले पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। हालांकि, पुलिस और एटीएस की लगातार कार्रवाई से इन गैंग्स को थोड़ी नकेल भी पड़ी है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या इन अपराधों को पूरी तरह से रोकने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जाएंगे?
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