Patna Pride: 20 साल में 9 किताबें और 500 अवॉर्ड! युवा साहित्यकार काजल कुमारी को 'साहित्य गौरव सम्मान', स्लम के बच्चों को कलम थमाकर बनीं रियल हीरो

बिहार की सबसे कम उम्र की लेखिका काजल कुमारी को काव्य हिंदुस्तान अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समूह द्वारा साहित्य गौरव सम्मान और बिहार गौरव सम्मान से नवाजा गया। पटना की रहने वाली काजल ने 20 वर्ष की उम्र में कराटे में टॉप, मिस पटना का ताज, 9 किताबें और स्लम के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।

Oct 7, 2025 - 20:16
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Patna Pride: 20 साल में 9 किताबें और 500 अवॉर्ड! युवा साहित्यकार काजल कुमारी को 'साहित्य गौरव सम्मान', स्लम के बच्चों को कलम थमाकर बनीं रियल हीरो
Patna Pride: 20 साल में 9 किताबें और 500 अवॉर्ड! युवा साहित्यकार काजल कुमारी को 'साहित्य गौरव सम्मान', स्लम के बच्चों को कलम थमाकर बनीं रियल हीरो

बिहार की राजधानी पटना से उभरकर आई युवा प्रतिभा ने आज एक बार फिर राज्य का मान बढ़ाया है। बिहार की सबसे कम उम्र की लेखिका काजल कुमारी जी को उनकी अद्भुत और बहुमुखी प्रतिभा के लिए 'साहित्य गौरव सम्मान' से नवाजा गया है। यह सम्मान काव्य हिंदुस्तान अंतर्राष्ट्रीय साहित्य समूह द्वारा प्रदान किया गया, जिसने पूरे भारत से 30 महान विभूतियों का चयन किया था। काजल कुमारी को उनकी विशेष उपलब्धियों के लिए 'बिहार गौरव सम्मान' और 'डॉ. राजेंद्र प्रसाद सम्मान' भी प्रदान किया गया है।

मात्र 20 वर्ष की आयु में इतनी सारी उपलब्धियां हासिल करना वास्तव में कमाल की बात है और आज के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणास्रोत है। काजल कुमारी ने साहित्य से लेकर खेल और समाज सेवा तक हर क्षेत्र में असाधारण छाप छोड़ी है।

20 साल में 500 से अधिक उपलब्धियां

पटना की निवासी सुश्री काजल कुमारी ने इतनी कम उम्र में कई ऐसे कार्य किए हैं, जिन्हें हासिल करने में लोगों को पूरा जीवन लग जाता है।

  • साहित्य की दुनिया: उन्होंने सिर्फ 20 वर्ष की आयु में 9 पुस्तक और 3 उपन्यास लिखे हैं। उनकी रचनाएं देश-विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती रहती हैं। साहित्य के क्षेत्र में उन्हें 500 से अधिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

  • खेल और सौंदर्य: काजल ने सिर्फ किताबी दुनिया तक खुद को सीमित नहीं रखा। 2020 में उन्होंने कराटे में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टॉप करके बिहार का मान बढ़ाया, और 2022 में कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित ब्यूटी कॉन्टेस्ट में मिस पटना का ताज अपने नाम किया।

स्लम से साहित्य तक: समाज सेवा का नया अध्याय

काजल कुमारी का सबसे बड़ा योगदान समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में दिखता है। उन्होंने गरीबी और अज्ञानता के अंधेरे में जी रहे स्लम बस्तियों के बच्चों के लिए एक नई किरण का काम किया।

  • शिक्षा का दान: उन्होंने 2 वर्षों तक स्लम बस्तियों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की और उनके भविष्य को एक नई दिशा दी।

  • कलम थमाई: काजल ने खुद कहा है कि "जो बच्चे नाली साफ करते थे, कूड़ा चुनते थे, उन्हें काजल जी ने कलम थमाया है।" यह बदलाव वास्तविक सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है।

ज्योतिष के क्षेत्र में भी उन्होंने असाधारण उपलब्धि हासिल की है और पटना की टॉप 10 ज्योतिषी की श्रेणी में शामिल हैं, जिसे वह "अलौकिक दिव्य ज्ञान" मानती हैं।

सामाजिक न्याय के लिए बुलंद आवाज

सामाजिक क्षेत्र में काजल का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कई सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है:

  • कुरीतियों से संघर्ष: बाल विवाह, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न, और नाबालिग लड़कियों को देह व्यापार से बचाने में उनका बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने इन पीड़ितों की आवाज बनकर उनके अस्तित्व के लिए संघर्ष किया है।

अवॉर्ड लेते हुए भावुक स्वर में काजल कुमारी ने अपने माता-पिता और माँ सरस्वती को धन्यवाद दिया। हमारी न्यूज़ टीम बिहार की इस बेटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है, जो बहुमुखी प्रतिभा की जीती-जागती मिसाल हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।