Nawada Festival : विवाह पंचमी पर मकनपुर में श्रीराम विवाहोत्सव की धूम, मंगल गीतों के बीच संपन्न हुआ समारोह
नवादा के मकनपुर में श्रीराम विवाहोत्सव समारोह का आयोजन हुआ। वैदिक मंत्रोंच्चारण और मंगल गीतों के साथ भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ।
वारिसलीगंज प्रखंड के प्रसिद्ध मकनपुर गांव स्थित श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी में शुक्रवार की शाम एक ऐतिहासिक और भव्य विवाह उत्सव मनाया गया। यह आयोजन विवाह पंचमी के अवसर पर हुआ, जिसमें भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ सम्पन्न हुआ। इस धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में समर्पण और श्रद्धा से भरा वातावरण देखा गया।
विवाह कार्यक्रम की विशेषताएं
श्रीराम विवाह उत्सव का आयोजन श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी प्रबंधकारिणी समिति द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम में वर पक्ष की ओर से ठाकुरबाड़ी के महंत श्री सीताराम दास जी महाराज और वधू पक्ष से गांव के युवाओं की टीम ने भाग लिया। विवाह की रस्मों को पूर्ण करने के लिए श्री प्रमोद झा और मणिलाल पाठक जैसे जानकारों ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया।
विवाह समारोह के तहत, हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह के चारों चरणों का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में गांव की महिलाओं ने श्रद्धा के साथ मंगल गीतों की प्रस्तुति दी। गीतों में 'चलु सखी मिल के जनक जी के अंगना, दूल्हा बनल श्रीराम हे' जैसी पारंपरिक धुनें गाकर विवाह की खुशियों में चार चांद लगाए।
ठाकुरबाड़ी की सजावट और माहौल
विवाह समारोह की भव्यता को देखते हुए ठाकुरबाड़ी को आकर्षक तरीके से सजाया गया। परिसर में स्थित शिव मंदिर और हनुमान मंदिर को रंग-बिरंगे बल्बों और फूलों से सजाया गया। इस सजावट ने पूरे वातावरण को जीवंत और दिव्य बना दिया।
कार्यक्रम में सहयोग देने वाले लोग
इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में ठाकुरबाड़ी विकास समिति के सदस्य शिक्षक राधेश्याम कुमार, सिपाही सीताराम कुमार, सर्वेश उर्फ बब्लू कुमार, सुधीर सिंह, बिक्की कुमार, अनुपम शेखर, बुधन यादव, और नित्यानंद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने अहम योगदान दिया। इन सभी ने अपनी मेहनत और समर्पण से विवाह समारोह को यादगार बनाया।
इतिहास और परंपरा
मकनपुर गांव का यह श्रीराम विवाहोत्सव हिंदू संस्कृति और पारंपरिक धार्मिक समारोहों का हिस्सा है, जिसमें हर साल विवाह पंचमी के दिन श्रीराम और जानकी के विवाह का उत्सव मनाया जाता है। इस आयोजन का इतिहास कई दशकों पुराना है, जब गांव के लोग मिलकर अपने देवी-देवताओं के विवाह समारोह को बड़े धूमधाम से मनाते थे।
कार्यक्रम के अंत में भंडारे का आयोजन
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद, ठाकुरबाड़ी परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें गांव के लोग और श्रद्धालु एकत्रित हुए और प्रसाद का आनंद लिया। इस भंडारे ने ग्रामीणों के बीच भाईचारे और एकता की भावना को और मजबूत किया।मकनपुर गांव में श्रीराम विवाहोत्सव का यह कार्यक्रम एक यादगार और प्रेरणादायक उदाहरण है कि किस प्रकार धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों के माध्यम से समुदाय को जोड़ा जाता है। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक श्रद्धा को बढ़ाया, बल्कि गांव के लोगों के बीच प्रेम और एकता का संदेश भी दिया।
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