Nawada Operation: स्कूटी पर लदी शराब जब्त, तस्कर फरार, नववर्ष पर थी खपाने की तैयारी
नवादा में शराब तस्करी का बड़ा मामला सामने आया। स्कूटी पर लदी 9.750 लीटर विदेशी शराब जब्त, तस्कर फरार। पुलिस जांच में जुटी।
नवादा, 2 जनवरी 2025 - बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी के मंसूबे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। नवादा जिले के नगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने शराब लदी स्कूटी जब्त कर एक बड़ी तस्करी योजना को विफल कर दिया। हालांकि, तस्कर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
शराबबंदी के बावजूद तस्करी जारी
नवादा जिले में शराबबंदी के नियमों को तोड़ने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ताजा मामला न्यू एरिया टीओपी थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने एक स्कूटी से 9.750 लीटर विदेशी शराब जब्त की।
टीओपी प्रभारी हिमांशु कुमार ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि कलाली रोड मोहल्ले में शराब तस्करी की जा रही है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन तस्कर स्कूटी छोड़कर मौके से फरार हो गया।
तस्करों के मंसूबे पर पुलिस का पानी
पुलिस को जानकारी मिली थी कि नववर्ष के जश्न में इन शराब की बोतलों को खपाने की तैयारी थी। तस्करों की इस साजिश को नाकाम करते हुए पुलिस ने शराब और स्कूटी को जब्त कर लिया। स्कूटी के नंबर के आधार पर मालिक की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है।
पुलिस के दावे और विफलताएं
हालांकि, पुलिस ने स्कूटी और शराब जब्त कर तस्करी की योजना पर पानी फेरने का दावा किया है, लेकिन तस्कर का फरार हो जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पुलिस की योजना और सतर्कता बेहतर होती, तो तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार किया जा सकता था।
शराबबंदी का इतिहास और चुनौतियां
बिहार में 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी। इसका उद्देश्य समाज में शराब के दुष्प्रभावों को कम करना और परिवारों को आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं से बचाना था। हालांकि, इस कानून को सख्ती से लागू करने के बावजूद तस्करों ने नई तरकीबों से शराब की तस्करी को जारी रखा है।
पुलिस की अगली रणनीति
टीओपी प्रभारी हिमांशु कुमार ने बताया कि स्कूटी नंबर के आधार पर शराब तस्कर की पहचान की जा रही है। इसके साथ ही अज्ञात तस्कर के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
क्या कहती है जनता?
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को अपनी कार्रवाई और सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। शराब तस्करों की गतिविधियां नए तरीकों से सामने आ रही हैं, और इन्हें रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
क्या बदल सकता है भविष्य?
शराबबंदी जैसे कानून तब ही प्रभावी हो सकते हैं जब प्रशासनिक मशीनरी और जनता दोनों मिलकर इसका पालन करें। पुलिस को चाहिए कि वह मुखबिर तंत्र को और मजबूत करे और तस्करी के नए तरीकों को समझते हुए कार्रवाई को तेज करे।
नवादा की यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सख्त और सतर्क प्रयासों की जरूरत है।
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