नवादा, 7 दिसंबर 2024: डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर नवादा जिला कांग्रेस ने विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस मौके पर डॉ. अंबेडकर के जीवन, उनके संघर्ष और भारतीय संविधान निर्माण में उनके योगदान को याद करते हुए कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत और श्रद्धांजलि
नवादा जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह ने की। डॉ. भीमराव अंबेडकर के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्री सिंह ने कहा, "डॉ. अंबेडकर का जीवन संघर्ष और उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां आज के समाज के लिए प्रेरणा हैं।"
डॉ. अंबेडकर: संघर्ष और सफलता की मिसाल
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ। उनके परिवार का संबंध महार जाति से था, जिसे समाज में अछूत माना जाता था। बचपन से ही जातिगत भेदभाव का सामना करने वाले अंबेडकर ने इस अन्याय को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया।
उन्होंने मुंबई के एल्फिंस्टन हाई स्कूल से अपनी शिक्षा की शुरुआत की। इसके बाद उनकी शैक्षणिक यात्रा ने उन्हें न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स तक पहुंचाया। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। वहां उन्होंने स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों को आत्मसात किया, जो उनके आगे के संघर्ष का आधार बने।
संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के योद्धा
भारत की आजादी के बाद, डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माण समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने एक ऐसा संविधान तैयार किया, जो हर वर्ग, धर्म और जाति के लिए समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा, "आज देश में संविधान को मिटाने की कोशिश की जा रही है। झूठ और जुमलों के सहारे लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। ऐसे में हम सभी को संविधान की रक्षा के लिए तैयार रहना होगा।"
कार्यकर्ताओं की भागीदारी और अन्य आयोजन
श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें जागेश्वर पासवान, महिला जिला अध्यक्ष शमा परवीन, फखरुद्दीन अली अहमद, रजनीकांत दीक्षित, और मुकेश कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
इसके अलावा, रजौली और अकबरपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। रजौली में रामरतन गिरी और अकबरपुर में जयराम सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुए।
डॉ. अंबेडकर की प्रासंगिकता आज भी बरकरार
डॉ. अंबेडकर का जीवन आज के समाज के लिए उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। जातिगत भेदभाव और सामाजिक अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई हमें प्रेरणा देती है कि हम भी लोकतंत्र और समानता के मूल्यों की रक्षा के लिए काम करें।
नवादा जिला कांग्रेस द्वारा आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक था। इस कार्यक्रम ने न केवल डॉ. अंबेडकर के विचारों को जीवित रखने की कोशिश की, बल्कि यह भी संदेश दिया कि संविधान और लोकतंत्र के प्रति हमारी जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होती।