क्या झारखंड के 700 मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे? एचसीएल विवाद पर जानें पूरी कहानी!

झारखंड श्रमिक संघ और एचसीएल/आईसीसी बचाओ संघर्ष समिति ने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के कार्यपालक निर्देशक से मुलाकात कर मजदूरों की समस्याओं के समाधान की मांग की। जानें, क्यों उठ खड़ा हुआ है 700 मजदूरों का भविष्य संकट में और क्या हो सकती है इसका समाधान?

Jul 26, 2024 - 19:28
क्या झारखंड के 700 मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे? एचसीएल विवाद पर जानें पूरी कहानी!
क्या झारखंड के 700 मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे? एचसीएल विवाद पर जानें पूरी कहानी!

झारखंड श्रमिक संघ और एचसीएल/आईसीसी बचाओ संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में अपनी पुरानी मांगों को लेकर शुक्रवार को हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के कार्यपालक निर्देशक श्याम सुंदर सेठ्ठी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में झारखंड श्रमिक संघ के अध्यक्ष काजल डॉन और एचसीएल-आईसीसी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक फेवियन तिर्की ने संयुक्त रूप से बताया कि विगत 26 जून को मजदूरों की समस्या को लेकर झारखंड श्रमिक संघ द्वारा एचसीएल के निर्देशक को एक ज्ञापन सौंपा गया था। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई और न ही इस संबंध में कोई सूचना या जानकारी दी गई है।

ज्ञापन में बताया गया कि हिंदी पत्रिका के माध्यम से पता चला है कि एचसीएल-आईसीसी के जितने भी माइंस हैं, उन्हें किसी निजी कंपनी को बेचा जा रहा है, जिसमें अयस्क को सीधे बाहर दूसरे राज्य में भेजने का विचार किया जा रहा है। इससे मऊभंडार की फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी और करीब 700 मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मऊभंडार कंपनी में करीब 291 स्थाई मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा वेतन दी जा रही है। इन मजदूरों के साथ-साथ पूर्व कर्मचारियों के सभी आश्रितों को भी एचसीएल आईसीसी में स्थाई नियुक्ति पत्र दिया जाए। साथ ही सभी माइंसों के साथ-साथ मऊभंडार फैक्ट्री में भी तांबा निकाला जाए।

झारखंड श्रमिक संघ और एचसीएल आईसीसी बचाओ संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस दौरान किसी भी प्रकार की विधि व्यवस्था बिगड़ने की जिम्मेदारी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के प्रबंधक की होगी, क्योंकि दिए हुए ज्ञापन के प्रति अब तक कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई है।

ज्ञापन में यह भी बताया गया कि पूर्व में दिए हुए ज्ञापन में मजदूरों को महीने में 26 दिन का काम, छूटे हुए नोमानियों को काम में रखना, और चल रहे टेंडर की समाप्ति से पहले अगला टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने की मांग की गई थी ताकि मजदूरों को लगातार काम मिलता रहे।

उन्होंने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं बल्कि प्रबंधन पर पूर्ण विश्वास है कि इस ओर वे आवश्यक पहल अवश्य करेंगे और झारखंड मुक्ति मोर्चा के इकाई झारखंड श्रमिक संघ तथा एचसीएल आईसीसी बचाओ संघर्ष समिति को निराश नहीं करेंगे। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी, जिले के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, खान सचिव रांची, केंद्रीय खान सचिव, घाटशिला के विधायक, मुख्यमंत्री झारखंड, भारत के प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष लोकसभा नई दिल्ली और जमशेदपुर सांसद को दी गई। इस मौके पर काफी संख्या में मजदूर मौजूद थे।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।