Jharkhand Verification: महिलाओं के खातों में क्यों अटक गई मंईयां योजना की राशि? जानिए सच्चाई!

झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाखों महिलाओं की बकाया राशि रोक दी गई है। जानिए वे कौन सी आम गलतियां हैं जो आपके पैसे अटका सकती हैं, और कैसे करें सही समाधान।

Apr 8, 2025 - 15:51
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Jharkhand Verification: महिलाओं के खातों में क्यों अटक गई मंईयां योजना की राशि? जानिए सच्चाई!
Jharkhand Verification: महिलाओं के खातों में क्यों अटक गई मंईयां योजना की राशि? जानिए सच्चाई!

Jharkhand की मंईयां सम्मान योजना, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, अब खुद सवालों के घेरे में है।
करीब दो लाख से अधिक लाभार्थियों की राशि होल्ड पर है। वजह? – मामूली लेकिन गंभीर दस्तावेजी गलतियां।

अब सवाल यह उठता है –
क्या सरकार की योजना फेल हो रही है या हम खुद अपनी गलती से इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं?

मंईयां सम्मान योजना – एक नज़र इतिहास पर

झारखंड सरकार ने “मंईयां सम्मान योजना” की शुरुआत 2023 में ग्रामीण और गरीब तबके की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए की थी।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने कुछ निश्चित राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है, ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

शुरुआत में इस योजना ने काफी तारीफें बटोरी थीं, लेकिन अब जब सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, तो हकीकत कुछ और ही सामने आ रही है।

Data Mismatch बना बड़ी रुकावट

ताजा अपडेट के अनुसार, 2 लाख से अधिक महिलाओं की राशि तीन महीने से होल्ड कर दी गई है।
कारण – उनके आवेदन में दी गई जानकारी और राशन कार्ड के डाटा में मेल नहीं खाना।

इस mismatch की वजह से जिन महिलाओं ने पूरे भरोसे के साथ फॉर्म भरा था, अब उन्हें राशि के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है।

किन गलतियों की वजह से हो रहा आवेदन रिजेक्ट?

  1. नाम में अंतर:
    कई महिलाओं ने आवेदन फॉर्म में वह नाम नहीं भरा जो उनके आधार या राशन कार्ड में लिखा है।
    नतीजा – सिस्टम इसे गलत मानकर आवेदन रिजेक्ट कर देता है।

  2. KYC अधूरा:
    राशन कार्ड का KYC पूरा न होना एक बड़ी वजह है। बिना KYC के योजना की राशि नहीं मिल सकती।

  3. राशन कार्ड नंबर में गलती:
    आवेदन करते वक्त ओवरराइटिंग, गलत अंक या अधूरा नंबर भर देना भी आम समस्या बन गई है।

  4. लिंकिंग में खामी:
    आधार कार्ड का राशन कार्ड और बैंक खाते से लिंक न होना भी बड़ी रुकावट है।

प्रशासन का रुख – “गलती की तो नाम कटेगा”

जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है –
“अगर सत्यापन में किसी भी प्रकार की गलती पाई गई, तो लाभुक की लिस्ट से नाम हटा दिया जाएगा।”
इसका मतलब साफ है कि अब कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कैसे बचें इन गलतियों से?

  1. आवेदन से पहले अपने दस्तावेजों की क्रॉस चेकिंग करें।

  2. नाम, जन्मतिथि, राशन कार्ड नंबर आदि का spelling बिल्कुल मिलाएं।

  3. KYC जरूर करवाएं और यह भी चेक करें कि आपके आधार और बैंक खाता राशन कार्ड से लिंक हों।

  4. आवेदन भरते समय किसी भी तरह की जल्दबाज़ी न करें।

बैकलॉग बन रहा है सिरदर्द

जो महिलाएं इस योजना के भरोसे अपने घरेलू खर्च और बच्चों की पढ़ाई चला रही थीं, उनके लिए अब ये रुकावट निराशा का कारण बन गई है।
तीन महीने की बकाया राशि का अटकना सीधे उनके बजट को प्रभावित कर रहा है।

जरूरी संदेश – सतर्क रहें, सजग रहें!

सरकार योजना चला रही है, लेकिन लाभ तभी मिलेगा जब हम दस्तावेजी सावधानी बरतेंगे।
मंईयां योजना आपके हाथों में है, लेकिन एक छोटी गलती आपकी तीन महीने की कमाई को रोक सकती है।

 अधिकार के साथ ज़िम्मेदारी भी ज़रूरी

योजना की विफलता नहीं, हमारी लापरवाही इसकी वजह बन रही है।
अगर आप चाहते हैं कि मंईयां योजना की राशि समय पर मिले, तो दस्तावेजों की सटीकता और सावधानी अनिवार्य है।
सरकार से उम्मीद करें, लेकिन अपनी ज़िम्मेदारी को नजरअंदाज न करें।

योजनाएं तभी सफल होती हैं, जब जनता सतर्क हो और सिस्टम सजग।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।