जमशेदपुर कोर्ट परिसर में कुख्यात अखिलेश सिंह पर फायरिंग: डीएसपी की गवाही में सनसनीखेज खुलासे
जमशेदपुर कोर्ट परिसर में कुख्यात अखिलेश सिंह पर फायरिंग मामले में डीएसपी सुनील कुमार चौधरी की गवाही में चौंकाने वाले खुलासे। जानें पूरी घटना की कहानी और एफआईआर की जानकारी।
जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में 24 मई 2014 को कुख्यात अखिलेश सिंह पर हुई फायरिंग के मामले में सोमवार को पूर्व सीतारामडेरा थाना प्रभारी सह डीएसपी (एटीएस) सुनील कुमार चौधरी ने एडीजे-4 आनंद मनी त्रिपाठी की अदालत में गवाही दी।
घटना का विवरण:
डीएसपी सुनील कुमार चौधरी ने अदालत को बताया कि घटना के दिन वे गश्ती पर थे, तभी सूचना मिली कि जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में भगदड़ मची हुई है। सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और देखा कि एक व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा हुआ था, जिसके हाथ में एक पिस्तौल थी। वह व्यक्ति सरबजीत सिंह उर्फ छबबू था, जो गोलमुरी हिन्दू बस्ती का निवासी था।
हमले की पूरी कहानी:
सरबजीत सिंह ने अपने साथी रविंद्र सिंह उर्फ हुई के साथ मिलकर कुख्यात अपराधी अखिलेश सिंह पर फायरिंग की थी, लेकिन संयोगवश गोली नहीं चली। अखिलेश सिंह ने शोर मचाया, जिसके बाद उसके समर्थकों ने दोनों हमलावरों को दौड़ाकर पकड़ा और उन पर ईंट-पत्थर और लात-घूंसों से जानलेवा हमला कर दिया।
एफआईआर दर्ज:
इस घटना के संबंध में सुनील कुमार चौधरी के बयान पर अखिलेश सिंह, कन्हैया सिंह, मनिंदर सिंह, सुभाष बरूआ, सोनू सिंह, प्रिंस, चन्द्र प्रकाश सिंह, अमरेश सिंह, नवीन पासवान, राहुल कुमार सिंह, जयराम रजक उर्फ डॉन, अभिषेक कुमार सिंह और सराज नरसिंह गगराई समेत 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
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