पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त के निर्देशानुसार, मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल की अध्यक्षता में सदर अस्पताल स्थित खाद्य सुरक्षा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य फूड सेफ्टी से संबंधित प्रावधानों का प्रचार-प्रसार करना और उन्हें सख्ती से लागू कराना था।
इस बैठक में अभिहित अधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, चाईबासा चैंबर के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, पश्चिम सिंहभूम चैंबर के अध्यक्ष, स्ट्रीट फूड वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अन्य महत्वपूर्ण सदस्य उपस्थित थे।
बैठक के दौरान खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने सभी फूड वेंडर्स को सख्त चेतावनी दी कि वे खाद्य सामग्री में कामधेनु या गाय छाप रंग का प्रयोग न करें, एक्सपायर्ड या बासी खाद्य सामग्री की बिक्री न करें और फूड लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के बाद ही खाद्य कारोबार करें।
सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बरसात के मौसम में दूषित पानी और खाने के कारण बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि खाद्य सुरक्षा के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और इन प्रावधानों को कड़ाई से लागू कराया जाए।
इस बैठक के दौरान, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। सिविल सर्जन ने सभी फूड वेंडर्स से आग्रह किया कि वे फूड सेफ्टी मानकों का पालन करें ताकि आम जनता को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि फूड सेफ्टी के महत्व को समझाया जा सके और इसे जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
स्ट्रीट फूड वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी इस पहल का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि वे सभी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और अन्य वेंडर्स को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
इस बैठक का समापन सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने करते हुए कहा कि फूड सेफ्टी को लेकर सभी को सजग और जिम्मेदार होना पड़ेगा। उन्होंने आशा जताई कि इस तरह की बैठकों और जागरूकता अभियानों से खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।