Rotary Club: जमशेदपुर सेमिनार में डॉक्टर सुधाकर वाराणसी ने साझा किए जीवन के प्रेरक अनुभव: 108 एंबुलेंस सेवा की कहानी

डॉ सुधाकर वाराणसी ने जमशेदपुर सेमिनार में 108 आपातकालीन सेवा की सफलता की कहानी साझा की, साथ ही युवाओं को समाज के उत्थान के लिए प्रेरित किया।

Jan 4, 2025 - 17:23
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Rotary Club: जमशेदपुर सेमिनार में डॉक्टर सुधाकर वाराणसी ने साझा किए जीवन के प्रेरक अनुभव: 108 एंबुलेंस सेवा की कहानी
Rotary Club: जमशेदपुर सेमिनार में डॉक्टर सुधाकर वाराणसी ने साझा किए जीवन के प्रेरक अनुभव: 108 एंबुलेंस सेवा की कहानी

Jamshedpur Seminar में रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर वेस्ट द्वारा आयोजित एक विशेष सेमिनार में बेंगलुरु से आए प्रसिद्ध डॉक्टर सुधाकर वाराणसी ने अपनी प्रेरक यात्रा साझा की। डॉक्टर सुधाकर, जिन्हें 108 आपातकालीन सेवा की शुरुआत के लिए जाना जाता है, ने इस सेवा की सफलता और इसके विस्तार की कहानी सुनाई। इस सेमिनार में उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए न केवल एंबुलेंस सेवा की अहमियत को रेखांकित किया, बल्कि गांधी जी के गीत पर आधारित बांसुरी की धुन भी प्रस्तुत की, जो कार्यक्रम में एक अद्भुत मोड़ लेकर आई।

108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत: एक मिशन का जन्म

डॉ सुधाकर ने बताया कि उनकी प्रेरणा का स्रोत एक दुखद घटना से आया। एक सड़क दुर्घटना में अपने मित्र को खोने के बाद उन्होंने महसूस किया कि समाज में तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस सेवा की अत्यधिक आवश्यकता है। इस भावना ने उन्हें एक नई शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी टीम बनाई और प्राइवेट कंपनियों के सहयोग से 108 एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की।

सफलता की यात्रा: 37,000 एंबुलेंस और 1.5 लाख जानें बचाई गईं

आज यह सेवा भारत के हर कोने में 37,000 एंबुलेंस के साथ सक्रिय है, और इसका विस्तार भूटान और श्रीलंका तक हो चुका है। डॉ सुधाकर के नेतृत्व में यह सेवा लाखों लोगों के जीवन को बचाने में सफल रही है। उनके प्रयासों से अब तक 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई जा चुकी है। उनका मानना है कि यह सफलता उनकी टीम और समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाती।

गांधी जी के गीत पर बांसुरी की धुन: एक संगीत यात्रा

कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर सुधाकर ने गांधी जी के गीत पर बांसुरी की धुन प्रस्तुत की, जो न केवल उनके संगीत प्रेम को दर्शाती है, बल्कि एक अलग ही उत्साह का संचार करती है। यह पल सभी उपस्थित लोगों के लिए अविस्मरणीय बन गया। उन्होंने बताया कि संगीत और चिकित्सा का संयोजन मानसिक शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है, खासकर जब बात जीवन और मृत्यु की हो।

युवाओं के लिए प्रेरणा: देश की सेवा में योगदान देने की आवश्यकता

सेमिनार के दौरान डॉ सुधाकर ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि, “नौकरी केवल पैसे के लिए नहीं, बल्कि समाज के उत्थान के लिए भी होनी चाहिए।” उन्होंने युवा पीढ़ी को भारत के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि हर युवा को अपने कर्तव्यों का एहसास करना चाहिए और समाज के लिए कुछ न कुछ योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन

कार्यक्रम का मंच संचालन रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर वेस्ट के अध्यक्ष डॉ अमित मुखर्जी ने किया, जिन्होंने डॉ सुधाकर का स्वागत करते हुए इस सेमिनार के उद्देश्य को स्पष्ट किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अमरेश सिन्हा ने दिया और उपस्थित सभी रोटरी क्लब के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

इतिहास में बदलाव: 108 एंबुलेंस सेवा की सामाजिक भूमिका

यह सेवा न केवल मेडिकल आपातकालीन स्थिति में सहारा देती है, बल्कि भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक बन चुकी है। पहले जहां लोग अपनी जान बचाने के लिए घंटों इंतजार करते थे, वहीं अब 108 एंबुलेंस सेवा ने उन परिस्थितियों को बदल दिया है। डॉ सुधाकर का योगदान न केवल चिकित्सा क्षेत्र के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए अनमोल है।

क्या है इसका भविष्य?

यह सेवा आने वाले वर्षों में और भी विकसित होगी, जिसमें न केवल एंबुलेंस सेवाएं, बल्कि आपातकालीन चिकित्सा उपकरण और विशेषज्ञों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। आने वाले समय में यह सेवा वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहुंच बढ़ा सकती है, जिससे और भी लोगों की जान बचाई जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।