जमशेदपुर: साकची गोलचक्कर पर गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन कर उनके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गृह मंत्री द्वारा डॉ. भीम राव अंबेडकर के प्रति की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इसे संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबा साहब अंबेडकर की महान विरासत का अपमान करार दिया और अमित शाह से सार्वजनिक माफी तथा इस्तीफे की मांग की।
क्यों उठी विरोध की आग?
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भारत रत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में बवाल मचा दिया। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमिटी, पूर्वी सिंहभूम ने इस बयान को न केवल अंबेडकर जी का अपमान बताया, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं पर गहरा आघात कहा।
कांग्रेस का सख्त रुख
जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा,
"यह टिप्पणी न केवल संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान है, बल्कि उन सभी भारतीयों के सम्मान पर हमला है, जो उन्हें सामाजिक न्याय के प्रतीक और भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में पूजते हैं।"
दुबे ने गृह मंत्री के बयान को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।
इतिहास की गूंज: बाबा साहब की अनमोल विरासत
डॉ. भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक समानता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। उनका योगदान सिर्फ संविधान तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने शिक्षा, सामाजिक सुधार और आर्थिक नीतियों में भी क्रांति लाने का काम किया।
उनकी विचारधारा के आधार पर भारत ने लोकतांत्रिक और समतामूलक समाज की दिशा में कदम बढ़ाए। ऐसे में उनके खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।
जमशेदपुर में कैसे हुआ विरोध?
साकची गोलचक्कर पर हुए विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जुटे। कार्यकर्ताओं ने पुतला जलाने के साथ-साथ नारों के जरिए गृह मंत्री के बयान की आलोचना की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के बयानों से न केवल राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है, बल्कि यह समाज में विद्वेष फैलाने का भी काम करता है।
अंबेडकर के प्रति सम्मान की मांग
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बाबा साहब केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि विचारधारा हैं, जो भारत के सामाजिक ताने-बाने को जोड़कर रखती है। उनके प्रति सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर अमित शाह ने माफी नहीं मांगी, तो आंदोलन और तेज होगा।
सार्वजनिक माफी की मांग
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर अमित शाह सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं, तो यह विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल सकता है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके बयान से संविधान और लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आंदोलन की अगली रणनीति
कार्यकर्ताओं ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले दिनों में इस आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। कांग्रेस ने इसे संविधान और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई करार दिया।