Jamshedpur Protest: साकची गोलचक्कर पर किसान आंदोलन के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन, सरकार से वादे निभाने की मांग

जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर पर भारतीय किसान यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया, केंद्र सरकार से किए गए वादों को पूरा करने और न्यायपालिका से हस्तक्षेप की अपील की।

Dec 19, 2024 - 19:11
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Jamshedpur Protest: साकची गोलचक्कर पर किसान आंदोलन के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन, सरकार से वादे निभाने की मांग
Jamshedpur Protest: साकची गोलचक्कर पर किसान आंदोलन के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन, सरकार से वादे निभाने की मांग

जमशेदपुर: साकची गोलचक्कर पर किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने किसानों के हक और न्याय की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। किसानों के आंदोलन के अग्रणी नेताओं की तस्वीरें हाथ में लेकर, प्रदर्शनकारियों ने इंसाफ की गुहार लगाई और न्यायपालिका से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की।

तीन साल पुरानी है किसानों की लड़ाई

भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तीन साल पहले जो वादे किसानों से किए गए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने आंदोलन शुरू किया था। लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट हुए और महीनों तक प्रदर्शन किया। सरकार ने आखिरकार कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, लेकिन उस वक्त किए गए कई वादे अब तक अधूरे हैं।

किसान आंदोलन का ऐतिहासिक संदर्भ

किसानों का यह आंदोलन स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक माना गया। इसमें न केवल पंजाब और हरियाणा के किसान बल्कि पूरे देश के किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह आंदोलन केवल कृषि कानूनों तक सीमित नहीं था; यह किसानों के अधिकारों, फसल के उचित दाम, और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की लड़ाई भी थी।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को धोखा दिया और आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए झूठे वादे किए। इसके बावजूद किसानों ने अपने हक की लड़ाई को जारी रखा है।

जमशेदपुर में क्यों हुआ प्रदर्शन?

जमशेदपुर में भारतीय किसान यूनियन ने इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए साकची गोलचक्कर को चुना। साकची, शहर का प्रमुख स्थान होने के कारण, इस प्रदर्शन ने जनता का ध्यान खींचा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश की आम जनता को अब किसानों के समर्थन में खड़ा होना होगा।

न्यायपालिका से न्याय की उम्मीद

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब न्यायपालिका को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार अपने वादों को पूरा करे और किसानों को उनका हक दिलाए। प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि अगर जल्द ही न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन और भी बड़े स्तर पर किया जाएगा।

क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें?

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों की प्रमुख मांग है कि फसलों के लिए MSP को कानूनन गारंटी दी जाए।
  • कर्जमाफी: छोटे और मझोले किसानों के कर्ज माफ किए जाएं।
  • सरकारी वादों की पूर्ति: सरकार ने जो भी वादे किए थे, उन्हें जल्द पूरा किया जाए।

आंदोलन को समर्थन देने की अपील

भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने कहा कि देश की जनता को किसानों के साथ खड़ा होना होगा। उनका कहना था कि किसान देश की रीढ़ हैं, और उनके अधिकारों की रक्षा करना सभी का कर्तव्य है।

किसानों के संघर्ष को सलाम

यह प्रदर्शन न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर करने का एक प्रयास था, बल्कि यह भी दिखाया कि जनता आज भी उनके साथ खड़ी है। प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर किसानों के साथ अन्याय होता रहा, तो आवाज और बुलंद की जाएगी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।