Jamshedpur Protest : महिलाओं का फूटा गुस्सा, सरकारी शराब दुकान जबरन बंद!
जमशेदपुर के परसुडीह में महिलाओं ने खुद शराब दुकान को बंद करवा दिया! प्रशासन ने दिया था 20 फरवरी तक बंद करने का वादा, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई, अब महिलाओं ने चेतावनी दी - दोबारा खुली तो उग्र आंदोलन होगा।
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जमशेदपुर: परसुडीह के नामोटोला इलाके में स्थित सरकारी शराब दुकान को बंद कराने को लेकर शुक्रवार को महिलाओं ने खुद कमान संभाल ली। प्रशासन की बेरुखी से नाराज महिलाओं ने दुकान पर धावा बोल दिया और उसे जबरन बंद करवा दिया। इन महिलाओं का आरोप है कि शराब दुकान के चलते इलाके में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ गया है, जिससे महिलाओं और युवतियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
महिलाओं का फूटा गुस्सा, कहा- "अब बर्दाश्त नहीं!"
बीते चार महीने से महिलाएं इस शराब दुकान को बंद करने की मांग कर रही थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे नाराज होकर महिलाओं ने शुक्रवार को खुद मोर्चा संभाल लिया और दुकान को ताले में जकड़ दिया।
- महिलाओं का कहना है कि शराब के नशे में धुत युवक रास्ते में खड़े होकर फब्तियां कसते हैं, छेड़खानी करते हैं और यहां से गुजरना उनके लिए मुश्किल हो गया है।
- शराब दुकान के बाहर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे माहौल खराब हो गया है।
- स्थानीय प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए महिलाओं को यह कदम उठाना पड़ा।
क्या प्रशासन ने किया महिलाओं से वादा तोड़ दिया?
यह पूरा विवाद चार महीने पहले शराब माफिया विजय साहू की हत्या के बाद शुरू हुआ था। उस वक्त महिलाओं ने इलाके में शराबबंदी की मांग उठाई थी और धालभूम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा था।
- एसडीओ ने 20 फरवरी तक दुकान बंद करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ।
- महिलाओं ने पहले भी उत्पाद विभाग के अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
- आखिरकार, शुक्रवार को महिलाओं ने अपना फैसला खुद ले लिया और शराब दुकान को बंद करवा दिया।
इतिहास में भी महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर किए हैं बड़े आंदोलन
भारत में महिलाओं ने शराबबंदी के खिलाफ कई ऐतिहासिक आंदोलन किए हैं।
- 1990 के दशक में आंध्र प्रदेश में महिलाओं ने बड़े पैमाने पर शराब के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसके बाद वहां पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी।
- बिहार में भी 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के आंदोलन के बाद शराबबंदी लागू की थी।
- झारखंड में भी कई बार शराबबंदी की मांग उठी है, लेकिन सरकार इसे लागू करने से बचती रही है।
अब क्या करेगा प्रशासन?
महिलाओं के विरोध के बाद उत्पाद विभाग के निरीक्षक ने दुकान को बंद करने का आदेश जारी कर दिया। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह फैसला स्थायी होगा या कुछ दिनों बाद फिर से दुकान खोल दी जाएगी?
- क्या सरकार महिलाओं की मांग को गंभीरता से लेगी?
- क्या पूरे राज्य में शराबबंदी को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?
- क्या प्रशासन इस बात की गारंटी देगा कि इस इलाके में दोबारा शराब की दुकान नहीं खुलेगी?
महिलाओं का अल्टीमेटम - अगर फिर खुली दुकान, तो बड़ा आंदोलन!
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर शराब दुकान को फिर से खोला गया, तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगी।
समाज के लिए क्या संदेश?
यह घटना यह दिखाती है कि अगर सरकार और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, तो आम जनता को खुद आगे आना पड़ता है। परसुडीह की महिलाओं ने जो किया, वह सिर्फ एक इलाके की समस्या नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है – अगर अत्याचार होगा, तो विरोध भी होगा!
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