College Loss: ग्रेजुएट महाविद्यालय में शोक, प्रो. स्वर्णकांता तलवार का निधन, शिक्षा जगत में गहरी क्षति
Jamshedpur में सेवानिवृत्त हिंदी शिक्षिका प्रो. स्वर्णकांता तलवार का निधन, शिक्षण क्षेत्र में उनके योगदान की चर्चा। शोकसभा में शिक्षकों का सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित।
ग्रेजुएट महाविद्यालय की पूर्व हिंदी शिक्षिका प्रो स्वर्णकांता तलवार का निधन 5 जनवरी को उनके आवास पर हो गया। यह खबर जैसे ही महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी को मिली, कॉलेज में शोक की लहर दौड़ गई। प्रो तलवार का निधन शिक्षा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिन्होंने न केवल अपनी शिक्षा से छात्रों को प्रेरित किया, बल्कि अपने अनुभवों से कई शिक्षकों का मार्गदर्शन भी किया।
प्रो स्वर्णकांता तलवार का योगदान
प्रो स्वर्णकांता तलवार का करियर समर्पण और शिक्षा के प्रति उनके अद्वितीय प्रेम का प्रतीक था। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने न केवल छात्रों को हिंदी साहित्य की गहरी समझ दी, बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया। उनकी शिक्षाई शैली में एक अलग ही आकर्षण था, जिसमें वे छात्रों को न सिर्फ किताबों से, बल्कि जीवन से भी सिखाती थीं। प्रो तलवार ने कई शिक्षकों को अपने ज्ञान और अनुभव से आगे बढ़ने का अवसर दिया।
उनके निधन से कॉलेज में शोक की लहर दौड़ गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी ने इस दुखद समाचार के बाद सेमिनार हॉल में शोकसभा का आयोजन किया। उन्होंने अपने संबोधन में प्रो तलवार के योगदान को याद करते हुए कहा, "प्रो तलवार एक उच्च कोटि की विदुषी थीं, जिनके बिना कॉलेज का वातावरण अधूरा सा लगता था। उन्होंने हम सबको शिक्षा के सही मायने सिखाए। उनका जाना हम सब के लिए एक अपूरणीय क्षति है।"
शोकसभा में शिक्षकों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रो डोरिस दास, डॉ अनामिका, प्रो प्रतिमा, डॉ संगीता, डॉ अनुराधा, डॉ अरुंधति दे, डॉ बन्नोश्री, डॉ विशेश्वर यादव, प्रो राकेश पांडे, प्रो फरजाना, सुभाश्री सेन, श्री उमेश सिंह, प्रकाश, संजय, मनजीत, वर्षा सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर प्रो तलवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।
शिक्षा के प्रति समर्पण और मार्गदर्शन
प्रो स्वर्णकांता तलवार का योगदान केवल हिंदी साहित्य तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार किए। उनके साथ काम करने वाले कई शिक्षकों का मानना था कि वे न सिर्फ एक महान शिक्षिका थीं, बल्कि एक मार्गदर्शक भी थीं, जो अपने अनुभवों से सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थीं। उनका योगदान न केवल छात्रों के लिए, बल्कि उनके सहकर्मियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण था।
निधन से छाई गहरी शोक की लहर
प्रो स्वर्णकांता तलवार का निधन महाविद्यालय के लिए एक बड़ा झटका है। उनका जाना केवल एक व्यक्ति की कमी नहीं है, बल्कि एक युग का समाप्त होना है। उन्होंने अपने जीवन में जितनी मेहनत और समर्पण से शिक्षा दी, वह हमेशा याद किया जाएगा। उनके द्वारा छोड़ी गई शिक्षा की धारा और प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचती रहेगी।
प्रो स्वर्णकांता तलवार का निधन हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका जीवन शिक्षा के प्रति समर्पण और अनुशासन का प्रतीक था। महाविद्यालय ने उनकी शोकसभा में उनकी महानता और योगदान को याद किया। आज जब वह हमारे बीच नहीं हैं, तो उनके कार्य और शिक्षाएं हमेशा हमारे साथ रहेंगी।
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