Jamshedpur MP Raises Issue: झारखंड में विस्थापन और पुनर्वास पर सांसद विद्युत बरण महतो ने उठाया महत्वपूर्ण सवाल

झारखंड में विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे को उठाते हुए जमशेदपुर सांसद विद्युत बरण महतो ने राज्य सरकार से मांग की। जानिए इस विषय पर सांसद का दृष्टिकोण और उनकी मांगें।

Feb 3, 2025 - 17:02
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Jamshedpur MP Raises Issue: झारखंड में विस्थापन और पुनर्वास पर सांसद विद्युत बरण महतो ने उठाया महत्वपूर्ण सवाल
Jamshedpur MP Raises Issue: झारखंड में विस्थापन और पुनर्वास पर सांसद विद्युत बरण महतो ने उठाया महत्वपूर्ण सवाल

जमशेदपुर के सांसद विद्युत बरण महतो ने नियम 377 के तहत झारखंड राज्य में विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे को संसद में उठाया। उन्होंने इस गंभीर समस्या पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि झारखंड के औद्योगिक क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के कारण प्रभावित परिवारों को उचित पुनर्वास और मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी जिंदगी में असमंजस और कठिनाइयाँ बढ़ रही हैं।

झारखंड का औद्योगिक विकास और भूमि अधिग्रहण की चुनौती

सांसद श्री महतो ने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा और औद्योगिक विकास ने राज्य को एक प्रमुख आर्थिक केंद्र बना दिया है, लेकिन इस विकास की कीमत पर कई किसान और आदिवासी भाई-बहन अपनी ज़मीन खो चुके हैं। इसके चलते उनके जीवन में बहुत कष्ट और असमंजस पैदा हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर बड़े डैम, बांध, नहर, खनन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हितों के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है। बिना भूमि अधिग्रहण के ये सभी योजनाएं पूरी नहीं हो सकतीं। लेकिन जब-जब भूमि अधिग्रहण होता है, तो स्थानीय समुदायों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक होता है।

पुनर्वास की व्यवस्था पर सवाल

सांसद महतो ने यह भी बताया कि अब तक की कई परियोजनाओं में प्रभावित परिवारों को न तो पर्याप्त मुआवजा मिला है, और न ही उनकी नई जीवनशैली के लिए उपयुक्त योजनाएं बनाई गई हैं। बोकारो, धनबाद, और कोयलांचल के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।

सांसद महतो ने चांडिल डैम से लेकर सीतारामपुर डैम तक के इलाके का जिक्र करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में विस्थापित लोगों ने आज तक अपने विस्थापन का दंश झेला है। उन्होंने कहा, "आज भी इन परिवारों को रोजगार नहीं मिला है और न ही उन्हें उचित मुआवजा मिला है। ये लोग अब भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।"

सांसद की मांग – समग्र पुनर्वास नीति की जरूरत

सांसद महतो ने झारखंड सरकार से एक समग्र और संरचित पुनर्वास नीति बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास केवल एक घर देने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि प्रभावित परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और अन्य बुनियादी सेवाओं की भी गारंटी मिलनी चाहिए, ताकि वे अपने पुराने जीवन को खोने के बाद नई शुरुआत कर सकें

सांसद ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अधिग्रहण, विस्थापन, पुनर्वास और रोजगार की नीति को फिर से परिभाषित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक समग्र नीति बननी चाहिए, जो प्रभावित समुदायों की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर सके।

समाधान की दिशा में कदम

सांसद महतो ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "यह समय की जरूरत है कि हम इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए एक स्थायी और प्रभावी योजना बनाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इन नीतियों का प्रभावी कार्यान्वन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।

झारखंड में भूमि अधिग्रहण और विस्थापन का मुद्दा सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं बल्कि यह पूरे राज्य के विकास और समाज की सामाजिक न्याय से जुड़ा हुआ है। सांसद विद्युत बरण महतो द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने यह साबित कर दिया कि औद्योगिक विकास की राह में स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह समय की मांग है कि राज्य और केंद्र सरकार इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।