Elephant Attack: हाथी ने दीवार तोड़कर किया हमला,बाप-बेटी ने भागकर बचायी जान,गांव में मचा हड़कंप
चंपुआ वन क्षेत्र में भटकने वाला दंतैला हाथी गांव में घुसकर फसल और घर को नुकसान पहुंचा गया। जानिए पूरी खबर और वन विभाग से मुआवजे की मांग।
जैंतगढ़, 25 दिसंबर 2024: चंपुआ वन क्षेत्र में इन दिनों एक भटके हुए दंतैला हाथी का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले एक पखवाड़े से यह हाथी इलाके के विभिन्न जंगलों में घुमते हुए गांवों तक पहुंचने लगा है। यह हाथी अपनी गतिविधियों से स्थानीय निवासियों में डर का माहौल पैदा कर चुका है।
बीती रात, इस हाथी ने चंपुआ वन क्षेत्र के सराई गांव में घुसकर जमकर तबाही मचाई। हाथी ने पहले तो गांव के सब्जी बागान में घुसकर वहां की फसल को तहस-नहस कर दिया। उसके बाद, उसने प्रकाश सेठी के घर की कच्ची दीवार को तोड़ते हुए घर में रखे धान-चावल को खा लिया। घर की दीवारों की ईंटें गिरने से प्रकाश और उनका परिवार काफी डर गए, और परिवार ने किसी तरह से पड़ोसी के घर में भागकर अपनी जान बचाई।
हाथी से हुए हमले में ग्रामीण घायल
हाथी के अचानक हमले से प्रकाश और उनकी बेटी घायल हो गए। दीवार की ईंटें गिरने से उन्हें हल्की चोटें आईं, लेकिन गनीमत रही कि वे दोनों पड़ोसी के घर में सुरक्षित पहुँच गए। घटना के बाद, ग्रामीणों ने टीन पीटकर और पटाखे फोड़कर हाथी को वहां से भगा दिया। इसके बाद उन्हें चंपुआ अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद वे घर लौट गए।
वन विभाग से मुआवजे की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने प्रकाश सेठी को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है। गांव के अन्य लोग भी डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि हाथी कभी भी उनकी फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकता है। इस तरह के हमलों से मानव-हाथी संघर्ष की समस्या फिर से सामने आ रही है, जो चंपुआ और अन्य आसपास के इलाकों में वर्षों से जारी है।
हाथी के आंदोलनों से बढ़ी चिंता
विगत एक पखवाड़े से यह दंतैला हाथी लगातार सात हुंडिया, चिल्ला, पाटला, और टुनटुन जंगलों के बीच अपना ठिकाना बदल रहा है। इसके चलते लोग डरे हुए हैं, क्योंकि शाम होते ही यह हाथी गांवों की ओर बढ़ने लगता है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
वन विभाग की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे स्थानीय लोग निराश हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस हाथी के व्यवहार को समझने और उसे सही दिशा में मोड़ने की आवश्यकता है ताकि गांवों के लोग सुरक्षित रहें।
चंपुआ के ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए अब वन विभाग को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है। अगर समय रहते कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो भविष्य में ऐसे और हमले हो सकते हैं। स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर पर उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। मुआवजा के साथ-साथ हाथी की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना वन विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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