Jamshedpur Workshop – मिशन वात्सल्य योजना के तहत बाल संरक्षण पर कार्यशाला, जागरूकता बढ़ाने पर जोर
जमशेदपुर में मिशन वात्सल्य योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें बाल संरक्षण, बाल विवाह रोकथाम और बच्चों के अधिकारों पर चर्चा की गई। सरकारी अधिकारी और विभिन्न संगठनों ने बच्चों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

जमशेदपुर, 5 फरवरी 2025 – झारखंड में बच्चों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए, जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार सिदगोड़ा टाउन हॉल में मिशन वात्सल्य योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल संरक्षण, बाल विवाह, बाल श्रम, किशोर न्याय अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों को लेकर जागरूकता फैलाना था।
कार्यशाला में उप विकास आयुक्त सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, रूरल एसपी ऋषभ गर्ग, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा नेहा संजना खलखो समेत कई प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बाल संरक्षण पर चर्चा, जागरूकता बढ़ाने की अपील
उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने सभी हितधारकों से किशोर-किशोरियों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाल सुरक्षा केवल शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि मिशन वात्सल्य, बच्चों को अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाने की पहल है। इसके तहत बच्चों की शिक्षा, पुनर्वास और पारिवारिक देखभाल को प्राथमिकता दी जाएगी।
महिलाओं और बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर का प्रचार बढ़ाने का निर्देश
एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार ने कहा कि बाल हिंसा और यौन उत्पीड़न के मामलों में वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड हेल्पलाइन की भूमिका अहम है। उन्होंने इन हेल्पलाइन नंबरों के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता जताई ताकि पीड़ितों को तुरंत मदद मिल सके।
- सखी वन स्टॉप सेंटर हेल्पलाइन: 9430123165
- महिला सुरक्षा टोल फ्री नंबर: 181
- चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
रूरल एसपी ने बच्चों के पुनर्वास पर दिया जोर
रूरल एसपी ऋषभ गर्ग ने कार्यशाला में कहा कि जो भी बच्चे किसी कारण से गलत रास्ते पर चले गए हैं, उन्हें पुनर्वास की जरूरत है। उन्होंने मिशन वात्सल्य को एक व्यापक पहल बताया, जिसका मकसद बच्चों की सुरक्षा, कल्याण और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को समाज और विभिन्न सरकारी-गैर सरकारी संगठनों से जोड़कर उनकी सुरक्षा की जा सकती है।
बाल श्रम, बाल विवाह और अन्य सामाजिक मुद्दों पर मंथन
कार्यशाला में बाल श्रम, बाल व्यापार, बाल विवाह, किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो कानून और चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इसके अलावा, विभिन्न सरकारी विभागों और सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय बढ़ाने, बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षा को प्रभावी बनाने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
कार्यशाला में अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि मिशन वात्सल्य योजना के तहत बच्चों को उनके अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाना अनिवार्य है। सभी संबंधित विभागों को बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए एकीकृत प्रयास करने का निर्देश दिया गया।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस योजना को कितना प्रभावी ढंग से लागू करता है और मिशन वात्सल्य बच्चों के जीवन में कितना बदलाव लाता है।
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