Jamshedpur Conference: अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन i3C-2025 में धातु और कोटिंग्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर चर्चा!

जमशेदपुर में आयोजित i3C-2025 सम्मेलन में कोर्रोशन और कोटिंग्स से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन में प्रमुख उद्योगपतियों और वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए।

Feb 6, 2025 - 16:58
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Jamshedpur Conference: अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन i3C-2025 में धातु और कोटिंग्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर चर्चा!
Jamshedpur Conference: अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन i3C-2025 में धातु और कोटिंग्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर चर्चा!

जमशेदपुर: मुरली पैरामेडिकल एवं रिसर्च कॉलेज, टाटा स्टील लिमिटेड, सीएसआईआर-नेशनल मेटलर्जिकल लैबोरेटरी, और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर (NIT) के सहयोग से 6-7 फरवरी 2025 को होटल विवांता, जमशेदपुर में कोर्रोशन और कोटिंग्स पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (i3C-2025) का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी द्वारा किया गया।

i3C-2025 सम्मेलन: कोर्रोशन और कोटिंग्स के नए आयाम

i3C-2025 सम्मेलन का उद्देश्य कोर्रोशन और कोटिंग्स से संबंधित नई तकनीकों, शोध और विकास को बढ़ावा देना था। इस सम्मेलन में 100 से अधिक डेलीगेट्स और स्पीकर्स ने भाग लिया, जो भारत और विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आए थे। इसमें प्रमुख संस्थानों से आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईएससी बेंगलुरु, जिंदल स्टील एंड पावर, रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईजेडए-नेदरलैंड्स, और कॉमसोल-स्विट्जरलैंड जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रमुख मुद्दे और चर्चा के विषय

सम्मेलन में कोर्रोशन की निगरानी, फेल्योर एनालिसिस, प्रिवेंशन, और हाई टेम्परेचर कोर्रोशन पर गहन चर्चा हुई। खासतौर पर ऑयल एंड गैस, केमिकल, न्यूक्लियर, थर्मल पावर प्लांट्स, कंस्ट्रक्शन और मोबिलिटी इंडस्ट्रीज में कोर्रोशन के चुनौतियों और समाधान पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।

उद्घाटन सत्र में प्रमुख वक्ताओं के विचार

मुख्य अतिथि डॉ. संदीप घोष चौधरी, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल ने कहा कि कोर्रोशन एक 'साइलेंट किलर' है, जो हर साल हमारे जीडीपी का 2-3% हिस्सा नष्ट कर देता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को मिलकर कोर्रोशन से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।

अतिथि सम्मानित श्री ए के मनोहर, कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी ने कोर्रोशन की समस्या को पावर प्लांट्स की संरचनाओं पर पड़ने वाले असर के संदर्भ में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पावर प्लांट्स के संरचनाओं की रक्षा के लिए कोटिंग्स एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकती हैं।

सम्मेलन में क्या विशेष था?

इस सम्मेलन में चार प्रमुख लेक्चर्स और 15 कीनोट लेक्चर्स के साथ-साथ 40 कंन्ट्रीब्यूटरी लेक्चर्स भी शामिल थे। इसमें 15 पोस्टर प्रेजेंटेशन और टेक्निकल स्टॉल्स भी लगाई गई थीं, जिनके माध्यम से प्रतिभागियों को नई तकनीकों और उत्पादों से परिचित कराया गया।

नए अवसर और भविष्य की दिशा

सम्मेलन ने धातु विज्ञान और कोटिंग्स के क्षेत्र में कई नई प्रवृत्तियों और शोध के अवसरों की पहचान की। डॉ. रघुवीर सिंह, अध्यक्ष i3C-2025 ने इस सम्मेलन को एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बताया, जहाँ उद्योग, शोधकर्ता और अकादमिकian मिलकर कोर्रोशन और कोटिंग्स की समस्याओं पर चर्चा करते हैं और नई तकनीकों को प्रस्तुत करते हैं।

सम्मेलन के प्रभाव और उद्देश्य

इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि यह स्वदेशी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देता है। इसे एक अंतरराष्ट्रीय मंच के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ नई खोजों और उदाहरण को साझा किया गया, जो उद्योग और विज्ञान दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भविष्य के लिए दिशा और उम्मीदें

इस सम्मेलन ने कोर्रोशन और कोटिंग्स के क्षेत्र में नवीनतम शोध और उपकरणों का प्रदर्शन किया। साथ ही, यह रिसर्च एंड डेवलपमेंट और औद्योगिक सहयोग के लिए एक नई दिशा और मौका प्रदान करता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।