Jamshedpur Meeting: डीसी अनन्य मित्तल की बड़ी बैठक, श्रम कानूनों के सख्त पालन और बेरोजगारों के लिए नई योजनाओं पर हुआ मंथन
जमशेदपुर में डीसी अनन्य मित्तल की बैठक में बाल श्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई और श्रमिकों के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करने पर बड़ा फैसला। जानें पूरी खबर!

झारखंड के जमशेदपुर समाहरणालय (डीसी ऑफिस) में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें उपायुक्त अनन्य मित्तल ने श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बाल श्रम के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए गए और श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की रणनीति बनाई गई।
बाल श्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश
इस बैठक में उपायुक्त ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में बाल श्रम को पूरी तरह खत्म करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाए।
ADM लॉ एंड ऑर्डर के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया।
बाल मजदूरी में शामिल संस्थानों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
श्रम कानूनों के सख्त पालन की चेतावनी दी गई।
बता दें कि झारखंड में बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या रही है। खासकर होटलों, चाय दुकानों, ईंट भट्ठों और घरेलू कामकाज में बच्चों को जबरन मजदूरी कराई जाती है। ILO (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) की एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड उन राज्यों में से एक है जहां बाल श्रम का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
श्रमिकों के लिए बड़ी योजनाओं की समीक्षा
बैठक में श्रम विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की गई और इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजनानिर्माण श्रमिक सुरक्षा किट योजना
मातृत्व सहायता योजना (₹15,000 की आर्थिक सहायता)
मेधावी पुत्र-पुत्री छात्रवृत्ति योजना (₹5,000 - ₹50,000 की छात्रवृत्ति)
अंत्येष्टि सहायता योजना (₹10,000 की सहायता राशि)
झारखंड निर्माण कर्मकार मृत्यु दुर्घटना व सहायता योजना (₹2 लाख - ₹4 लाख की सहायता)
चिकित्सा सहायता योजना और विवाह सहायता योजना
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन योजनाओं के प्रति श्रमिकों को जागरूक किया जाए और अधिक से अधिक पंजीकरण कराए जाएं।
बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर
बैठक में नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि –
बेरोजगारों को स्थानीय कंपनियों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
CII (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रोजगार के नए अवसर तैयार किए जाएंगे।
जिले में नियमित रूप से रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिलें।
झारखंड में बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 14% से अधिक युवा बेरोजगारी की चपेट में हैं। उपायुक्त द्वारा किए गए ये प्रयास युवाओं को रोजगार से जोड़ने में मदद कर सकते हैं।
श्रम कानूनों के सख्त पालन का निर्देश
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने इस बैठक में श्रम कानूनों के सख्त पालन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि –
श्रमिकों को सही समय पर न्यूनतम वेतन मिले।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाए।
फैक्ट्रियों और कंपनियों में श्रम कानूनों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई अधिकारी शामिल रहे, जिनमें –
श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर
जिला कौशल विकास पदाधिकारी
नियोजन पदाधिकारी (जमशेदपुर और घाटशिला)
फैक्ट्री इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारी
झारखंड में मजदूरों और बेरोजगारों के लिए उम्मीद
झारखंड में श्रमिकों और बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार की योजनाएं काफी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इनका सही लाभ तभी मिल सकता है जब अधिकारी सही तरीके से इन्हें लागू करें। उपायुक्त अनन्य मित्तल की इस बैठक से उम्मीद की जा सकती है कि अब श्रमिकों को ज्यादा अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी, और बेरोजगारों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
अब देखना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंच पाता है या नहीं।
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