Jharkhand Bribery: 10 हजार रिश्वत लेते तमाड़ के आपूर्ति पदाधिकारी पकड़े गए, पीडीएस दुकानदारों से होती थी अवैध वसूली!
झारखंड ACB की बड़ी कार्रवाई, तमाड़ के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को 10 हजार घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। जानें पूरी खबर!

झारखंड में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को बड़ी सफलता मिली है। तमाड़ प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी अभिजीत को ACB ने 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उन पर सरकारी जन वितरण प्रणाली (PDS) के दुकानदारों से हर महीने अवैध वसूली करने के आरोप लगे थे।
कैसे हुआ घूसखोर अफसर का पर्दाफाश?
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब तमाड़ थाना क्षेत्र के पीडीएस दुकानदार धनंजय साहू ने एसीबी को लिखित शिकायत दी।
धनंजय साहू ने बताया कि उनका पैतृक गांव परसा में है, जहां उनकी एक सरकारी पीडीएस दुकान है।
आपूर्ति पदाधिकारी अभिजीत हर महीने 3,000 रुपये की अवैध वसूली कर रहे थे।
होली से पहले वे दुकान पहुंचे और रिश्वत देने का दबाव बनाने लगे।
शिकायत के बाद एसीबी ने तुरंत जांच शुरू की और सबूत जुटाने के बाद ऑफिसर को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
झारखंड में घूसखोरी की जड़ें कितनी गहरी?
झारखंड में सरकारी अधिकारियों द्वारा घूस लेने के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। राज्य में जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीबों के लिए राशन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन अफसरशाही और भ्रष्टाचार के कारण यह योजना कई जगहों पर बुरी तरह प्रभावित होती है।
2019 में भी झारखंड ACB ने एक सप्लाई अफसर को 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था।
2022 में लोहरदगा में PDS घोटाले में कई अफसरों पर गाज गिरी थी।
पिछले साल रांची में भी एक खाद्य आपूर्ति अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया था।
ACB का ऑपरेशन कैसे चला?
शिकायत मिलने के बाद ACB ने पूरे मामले की गोपनीय जांच शुरू की।
ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग से रिश्वत मांगने के सबूत जुटाए गए।
जाल बिछाकर आपूर्ति पदाधिकारी को 10 हजार घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
अब आगे क्या होगा?
एसीबी ने अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनके बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी की भी जांच शुरू हो सकती है।
अगर आरोप साबित होते हैं तो –
अधिकारी की नौकरी जा सकती है।
भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत उन्हें जेल हो सकती है।
अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई संभव है।
क्या यह घोटाला सिर्फ एक अधिकारी तक सीमित है?
PDS सिस्टम में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। झारखंड में कई बार गरीबों के लिए आने वाले राशन की कालाबाजारी और अवैध वसूली की खबरें सामने आई हैं। इस गिरफ्तारी के बाद संभावना है कि सरकार अब पूरे विभाग की जांच कर सकती है।
ACB की बढ़ती सख्ती से घबराए अफसर!
पिछले कुछ सालों में एसीबी की सक्रियता झारखंड में बढ़ी है। अवैध वसूली और रिश्वतखोरी के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जा रही है, जिससे भ्रष्ट अधिकारियों में दहशत का माहौल है।
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मामले को एक उदाहरण बनाकर अन्य भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्रवाई करेगी या फिर मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी तक ही सीमित रहेगा।
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