सवर्ण महासंघ की नई पहल: सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की ओर कदम
सवर्ण महासंघ ने जमशेदपुर में संगठन विस्तार की योजना बनाई है। जानें कैसे यह पहल सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास कर रही है।
साकची के गांधी घाट पार्क में सवर्ण महासंघ की कोआर्डिनेशन कमिटी की बैठक का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता संरक्षक शिव पुजन सिंह ने की। इस बैठक में महासंघ के विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की गई और प्रत्येक थाना क्षेत्र से चार व्यक्तियों को महासंघ में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
महासंघ की बैठक में सवर्ण छात्रसंघ और महिला विंग के गठन पर भी विचार किया गया। साथ ही, महासंघ के संविधान और रजिस्ट्रेशन पर चर्चा हुई। इन सभी समितियों के गठन के बाद महासंघ बिगड़ती सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के खिलाफ कार्यक्रम तय करेगा।
बैठक में वक्ताओं ने भारत की आजादी के 75 सालों में गिरते सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वदेशी संस्कृति और परंपराओं को विदेशी नीतियों ने प्रभावित किया है, जिससे युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से दूर होती जा रही है।
आलोचना करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जहां सरकारी कर्मचारियों का पेंशन और वरिष्ठ नागरिकों की रेलवे सुविधा बंद हो गई है, वहीं राजनेताओं की सुविधाएं जारी हैं। धर्मांतरण की बढ़ती घटनाएं और आरक्षण प्रणाली का दुरुपयोग भी चिंता का विषय बने हुए हैं।
इन मुद्दों के समाधान के लिए सवर्ण महासंघ ने समाज के सभी वर्गों से समर्थन मांगा है और संगठित होकर आवाज उठाने का संकल्प लिया है।
बैठक में शम्भू नाथ सिंह, मधुकर कुमार, मिथिलेश श्रीवास्तव, वाई पी सिंह, कवलेश्वर पांडेय, सत्य प्रकाश सिंह, जय कुमार जी, लक्ष्मी नारायण तिवारी, राजेश कुमार झा, प्रशान्त कुमार सिंह, अजित कुमार श्रीवास्तव, दिवाकर सिन्हा, अखिलेश श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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