Ranchi Scandal: DSP पर लगे गंभीर आरोप, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए निलंबन के आदेश!
रांची के डीएसपी प्रदीप कुमार पर गंभीर आरोप, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया निलंबित। जानें पूरी खबर और क्या होगी आगे की कार्रवाई?

झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस विभाग में बड़ा विवाद सामने आया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) के तत्कालीन डीएसपी प्रदीप कुमार को निलंबित कर दिया है। उन पर लगे गंभीर व्यक्तिगत और जातिसूचक टिप्पणी करने के आरोपों के बाद यह कड़ा फैसला लिया गया।
आखिर क्या है पूरा मामला?
बिहार के औरंगाबाद जिले के एक युवक ने डीएसपी प्रदीप कुमार पर आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के साथ अफसर के अवैध संबंध हैं। युवक का दावा है कि डीएसपी पूरी रात उसकी पत्नी से फोन पर बात करते थे और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।
पत्नी को तलाक देने का बना रहे थे दबाव!
विरोध करने पर जातिसूचक गालियां और धमकियां दीं!
शिकायत करने पर बर्बाद करने की धमकी!
पीड़ित युवक ने जब यह मामला झारखंड सरकार के गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग तक पहुंचाया, तो एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर इसकी जांच करवाई गई।
कैसे हुई जांच?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई। जांच टीम में डीआईजी रांची अनूप बिरथरे, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज और कमेटी की अध्यक्ष एडीजी सुमन गुप्ता शामिल थीं। इस टीम ने डीएसपी प्रदीप कुमार के खिलाफ मिले सबूतों की पुष्टि की, जिसके बाद निलंबन का आदेश जारी किया गया।
इतिहास में भी सामने आए हैं ऐसे मामले
पुलिस अधिकारियों पर शक्ति के दुरुपयोग और निजी जीवन में दखल के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। झारखंड में यह पहली बार नहीं है जब किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर इस तरह के निजी आरोप लगे हों। इससे पहले भी कई पुलिस अधिकारियों पर पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लग चुके हैं।
क्या होगा आगे?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल डीएसपी को निलंबित किया बल्कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का भी आदेश दिया है। इसका मतलब यह है कि अब डीएसपी प्रदीप कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है और संभावना है कि उनकी नौकरी भी जा सकती है।
क्या कहते हैं कानून के जानकार?
अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो डीएसपी की सेवा समाप्त हो सकती है
जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर SC/ST एक्ट के तहत भी कार्रवाई संभव
शक्ति के दुरुपयोग का मामला भी बन सकता है
अब क्या करेगा प्रशासन?
सरकार की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि झारखंड में पुलिस अधिकारियों पर लगने वाले किसी भी गंभीर आरोप की निष्पक्ष जांच होगी। इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे राज्य सरकार पर ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
क्या यह मामला यहीं खत्म होगा?
डीएसपी प्रदीप कुमार पर जो आरोप लगे हैं, वे सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पुलिस विभाग की गरिमा से भी जुड़े हुए हैं। अगर यह मामला और बढ़ता है, तो झारखंड पुलिस महकमे में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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