Jamshedpur Water Crisis: बागबेड़ा में पानी के लिए हाहाकार, नेता ने प्रशासन से की टैंकर बढ़ाने की मांग!

जमशेदपुर के बागबेड़ा में गर्मी में पानी की भारी किल्लत, 1.2 लाख लोग परेशान। नेता सुबोध झा ने प्रशासन से टैंकर बढ़ाने की मांग की। जानिए पूरी खबर।

Mar 18, 2025 - 16:31
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Jamshedpur Water Crisis: बागबेड़ा में पानी के लिए हाहाकार, नेता ने प्रशासन से की टैंकर बढ़ाने की मांग!
Jamshedpur Water Crisis: बागबेड़ा में पानी के लिए हाहाकार, नेता ने प्रशासन से की टैंकर बढ़ाने की मांग!

जमशेदपुर में गर्मी बढ़ते ही बागबेड़ा क्षेत्र के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। क्षेत्र में जल संकट इस हद तक बढ़ गया है कि महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सह भाजपा नेता सुबोध झा को जिला प्रशासन से पानी के टैंकरों की संख्या बढ़ाने की गुहार लगानी पड़ी। उन्होंने उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और टाटा स्टील यूआइएसएल को ज्ञापन सौंपकर पानी के टैंकरों की संख्या में वृद्धि करने की माँग की है।

बागबेड़ा में हर साल आती है पानी की किल्लत!

बागबेड़ा में जल संकट कोई नई बात नहीं है। हर साल गर्मी बढ़ते ही पानी की भारी कमी देखी जाती है। इस क्षेत्र में पानी की मांग बहुत अधिक होती है, लेकिन जलापूर्ति योजनाओं के अधूरे रहने से हजारों लोग परेशानी झेलते हैं

वर्तमान में सांसद विद्युत बरण महतो की ओर से भेजे गए केवल एक टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो कि क्षेत्र की आबादी के हिसाब से बहुत कम है। सुबोध झा ने प्रशासन से कम से कम 30 टैंकरों की व्यवस्था करने की माँग की है, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

1.20 लाख की आबादी और पानी के लिए संघर्ष!

बागबेड़ा में करीब 1 लाख 20 हजार की आबादी निवास करती है। यह क्षेत्र टाटा स्टील के यूआईएसएल जलापूर्ति प्रणाली पर निर्भर है, लेकिन बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना और हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना दोनों अब तक अधूरी हैं। यही वजह है कि गर्मियों में पानी की कमी भयावह रूप ले लेती है

पिछले कुछ वर्षों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पानी का लेवल 350 फीट से भी नीचे चला गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कई डीप बोरिंग भी फेल हो चुकी हैं। इससे साफ है कि टैंकरों की संख्या नहीं बढ़ाई गई, तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं।

इतिहास: क्यों होती है हर साल पानी की कमी?

बागबेड़ा क्षेत्र में जल संकट का इतिहास दशकों पुराना है। यह क्षेत्र टाटा स्टील की जलापूर्ति प्रणाली पर निर्भर था, लेकिन शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के कारण जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता गया। सरकार ने बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना और बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना जैसी योजनाएँ तो शुरू कीं, लेकिन ये अब तक पूरी नहीं हो सकीं।

इसी का नतीजा है कि गर्मी के महीनों में लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पाता। कई बार सरकार ने अस्थायी समाधान के रूप में टैंकरों की संख्या बढ़ाई, लेकिन स्थायी हल अब तक नहीं निकला।

प्रशासन से तत्काल एक्शन की माँग!

सुबोध झा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन पानी के टैंकरों की संख्या नहीं बढ़ाता, तो जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पेयजल संकट को हल करने के लिए सरकार को दीर्घकालिक समाधान निकालना होगा। इसके लिए लंबित जलापूर्ति योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए

बागबेड़ा में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस संकट की गंभीरता को समझना चाहिए और जल्द से जल्द टैंकरों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

क्या कहता है प्रशासन?

प्रशासन ने अब तक इस माँग पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, लेकिन जल संकट को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था की जाएगी। सवाल यह है कि क्या प्रशासन समय रहते इस संकट का हल निकाल पाएगा, या फिर बागबेड़ा के लोग इस साल भी पानी के लिए तरसते रहेंगे?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।