Jamshedpur Crime: रांची के रास्ते दिल्ली बेचने की थी साजिश, 9वीं की छात्रा का हुआ रेस्क्यू!
जमशेदपुर की 9वीं कक्षा की छात्रा को मानव तस्करी गिरोह दिल्ली बेचने की साजिश में था, लेकिन पुलिस की तत्परता से बच्ची को धनबाद में ही बचा लिया गया। जानिए पूरा मामला और कैसे होता है यह रैकेट!
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झारखंड के जमशेदपुर से मानव तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। परसुडीह थाना क्षेत्र में 9वीं कक्षा की छात्रा को दिल्ली बेचने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता से बच्ची को धनबाद में ही बचा लिया गया। इस मामले में पुलिस ने 20 वर्षीय निशा तिऊ को गिरफ्तार किया है, जो मासूम बच्चियों को बहला-फुसलाकर तस्करों तक पहुंचाने का काम करती थी।
कैसे हुआ खुलासा?
सरस्वती पूजा के दिन गायब हुई यह बच्ची अपने घर से अचानक लापता हो गई थी। जब परिवार ने पड़ताल शुरू की, तो पड़ोस में रहने वाली निशा तिऊ पर शक गहराने लगा। परिजनों ने निशा को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की, तो पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हो गया।
पुलिस को निशा ने बताया कि वह नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर रांची भेजती थी। वहां से एक महिला अंजलि कच्छप उन्हें दिल्ली लेकर जाती और बेच देती थी। लेकिन इस बार मामला बिगड़ गया।
धनबाद में छूटी बच्ची, फिर हुआ खुलासा!
बच्ची को दिल्ली ले जाने की तैयारी थी, लेकिन जैसे ही पुलिस ने जांच शुरू की, मानव तस्करों को इसकी भनक लग गई। इस डर से अंजलि कच्छप ने छात्रा को धनबाद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया और फरार हो गई।
धनबाद पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित बचाकर जमशेदपुर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद उसे परिवार के पास भेज दिया गया।
कैसे काम करता है यह गिरोह?
मानव तस्करी के यह गिरोह झारखंड, बंगाल और बिहार में गरीब तबके के परिवारों को टारगेट करते हैं। यह लोग मासूम बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी नौकरी और शादी का झांसा देते हैं, फिर उन्हें दिल्ली, मुंबई या दुबई जैसे बड़े शहरों में बेच दिया जाता है।
पुलिस का कहना है कि इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश जल्द होगा। थाना प्रभारी फ़ैज़ अहमद ने बताया कि निशा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इसके पीछे काम कर रहे मुख्य सरगना को भी जल्द पकड़ा जाएगा।
क्या कहती है मानव तस्करी की रिपोर्ट?
भारत में हर साल 50,000 से ज्यादा बच्चे मानव तस्करी का शिकार होते हैं। झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश इस अपराध के सबसे बड़े हॉटस्पॉट हैं।
पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और NGOs की तत्परता से कई बच्चों को बचाया गया है, लेकिन यह समस्या अब भी बनी हुई है।
क्या कर सकते हैं आप?
अगर आपको किसी संदिग्ध व्यक्ति या घटना के बारे में जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। यह मामला आंखें खोलने वाला है कि किस तरह सावधानी की कमी और झूठे लालच के कारण बच्चियों को इस दलदल में धकेला जाता है।
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