Jamshedpur Meeting: शिक्षा की नई क्रांति! कोल्हान में हर बच्चे को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार

जमशेदपुर में शिक्षा विभाग की प्रमंडलीय बैठक में मंत्री रामदास सोरेन ने स्कूलों में नामांकन, ड्रॉपआउट दर, शिक्षकों की नियुक्ति और कस्तूरबा विद्यालयों की बेहतरी पर जोर दिया। जानिए शिक्षा में सुधार को लेकर सरकार के नए निर्देश!

Feb 8, 2025 - 19:15
Feb 8, 2025 - 19:16
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Jamshedpur Meeting: शिक्षा की नई क्रांति! कोल्हान में हर बच्चे को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार
Jamshedpur Meeting: शिक्षा की नई क्रांति! कोल्हान में हर बच्चे को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार

झारखंड सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और हर बच्चे को स्कूल पहुंचाने के लक्ष्य के साथ बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में जमशेदपुर के निर्मल गेस्ट हाउस में शिक्षा विभाग की प्रमंडलीय बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने की।

इस बैठक में कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों - पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के उपायुक्तों और शिक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकारी और निजी विद्यालयों की स्थिति, ड्रॉपआउट दर, शिक्षकों की नियुक्ति और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना था।

शिक्षा सुधार पर सरकार का जोर

बैठक में मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार हर बच्चे को स्कूल भेजने और बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सरकार की प्राथमिकता में हैं और हर स्तर पर शिक्षा को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।

बैठक के मुख्य बिंदु:

सभी स्कूलों में नामांकन 100% हो, कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।
शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार लाने के लिए नए शिक्षकों की भर्ती हो।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय और आदर्श विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाया जाए।
ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उन्हें दोबारा स्कूल में नामांकित किया जाए।
मिड-डे मील की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए।

ड्रॉपआउट बच्चों को वापस स्कूल भेजने की रणनीति

बैठक में एक महत्वपूर्ण विषय ड्रॉपआउट दर को कम करने का था। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उनके लिए विशेष कक्षाएं चलाई जाएं, ताकि वे दोबारा पढ़ाई में लौट सकें।

इसके लिए यु-डायस पोर्टल पर सभी छात्रों की जानकारी अपडेट करने, अपार कार्ड बनाने और नामांकन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

शिक्षकों की कमी होगी दूर!

शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति और रेशनलाइजेशन पर जोर दिया है। इससे हर स्कूल में आवश्यकतानुसार शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि बच्चों को सभी विषयों की बेहतर शिक्षा मिल सके।

इसके अलावा, टीचर्स ट्रेनिंग संस्थानों की स्थिति की भी समीक्षा की गई, ताकि शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा पद्धति के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा सके।

कस्तूरबा विद्यालयों को मिलेगा मॉडल स्कूल का दर्जा

झारखंड सरकार कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों, आदर्श विद्यालयों और मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों को मॉडल स्कूलों के रूप में विकसित करना चाहती है। मंत्री ने इन स्कूलों की सुविधाएं बेहतर करने और छात्राओं को अधिक अवसर देने पर विशेष जोर दिया।

उन्होंने हाल ही में कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं द्वारा मिली उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि इन स्कूलों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।

मिड-डे मील और स्कूल किट में सुधार के निर्देश

बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि बच्चों को समय पर स्कूल किट, पोशाक और किताबें उपलब्ध कराई जाएं। मिड-डे मील की गुणवत्ता पर खास ध्यान देने की बात कही गई, ताकि बच्चों को मानक के अनुसार पौष्टिक भोजन मिल सके।

इसके लिए डीएमएफटी फंड से स्कूलों में संसाधन बढ़ाने के लिए उपायुक्तों को निर्देश दिए गए।

निजी स्कूलों की निगरानी होगी सख्त

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों में पढ़ रहे सभी बच्चों का रिकॉर्ड शिक्षा विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया जाए। इससे सरकार को सही आंकड़े मिलेंगे और शिक्षा नीति को और बेहतर बनाया जा सकेगा।

क्या बोले शिक्षा मंत्री?

बैठक के अंत में रामदास सोरेन ने कहा,
"हमारी सरकार चाहती है कि हर बच्चा स्कूल जाए और एक बेहतर भविष्य बनाए। शिक्षा सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, यह हमारे समाज का भविष्य तय करती है। इसलिए हर स्तर पर इसे मजबूत करने की जरूरत है।"

झारखंड सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई बड़े बदलाव कर रही है। शिक्षा विभाग की यह बैठक इस दिशा में एक और कदम था, जिसमें हर बच्चे को स्कूल भेजने, शिक्षकों की नियुक्ति, कस्तूरबा विद्यालयों को विकसित करने और मिड-डे मील की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान दिया गया।

जल्द ही इन फैसलों का असर स्कूलों में देखने को मिलेगा और झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।