Potka Awareness: सारसे गांव में डालसा का जागरूकता अभियान, ग्रामीणों की समस्याओं पर चर्चा

डालसा की टीम पोटका के सारसे गांव पहुंची, जहां ग्रामीणों को कानूनी जानकारी दी गई। जानिए कैसे ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं रखीं और समाधान के लिए सुझाव मिले।

Dec 28, 2024 - 19:32
 0
Potka Awareness: सारसे गांव में डालसा का जागरूकता अभियान, ग्रामीणों की समस्याओं पर चर्चा
Potka Awareness: सारसे गांव में डालसा का जागरूकता अभियान, ग्रामीणों की समस्याओं पर चर्चा

जमशेदपुर : पोटका प्रखंड के सारसे गांव में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) की मोबाइल वैन पहुंची। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देश पर चलाए जा रहे 90 दिन के आउटरीच प्रोग्राम के तहत यह अभियान गांव के लोगों को कानून के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया। इस दौरान टीम ने सुदूर क्षेत्र में बसे ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें समाधान के लिए जरूरी कानूनी और सरकारी जानकारी दी।

ग्रामीणों को दी गई कानूनी और सामाजिक जानकारी
डालसा टीम ने ग्रामीणों को साइबर क्राइम, घरेलू हिंसा, मानव तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम, दहेज प्रथा और डायन प्रथा जैसी समस्याओं के कानूनी पहलुओं के बारे में जागरूक किया। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी गई। ग्रामीणों को यह बताया गया कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए वे सिविल कोर्ट स्थित डालसा कार्यालय या पोटका प्रखंड स्थित लीगल एड क्लीनिक से संपर्क कर सकते हैं।

सारसे गांव: उपेक्षा का शिकार
सारसे गांव के लोग, जिनमें ज्यादातर संथाल (सिंह सरदार) समुदाय के निवासी हैं, ने डालसा टीम को बताया कि आजादी के बाद से यह क्षेत्र उपेक्षित रहा है। गांव में अब तक पक्की सड़क तक नहीं बन पाई है। बरसात के मौसम में उबड़-खाबड़ कच्ची सड़कें चलने लायक भी नहीं रहतीं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां कभी सांसद या विधायक झांकने तक नहीं आते।

डालसा टीम ने सुनीं समस्याएं, दिए समाधान के सुझाव
ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से वे जूझ रहे हैं। डालसा टीम ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके समाधान के उपाय बताए। साथ ही, टीम ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए रसूनचोपा पंचायत के सभी गांवों में डोर-टू-डोर कैंपेनिंग की।

डालसा टीम के सदस्य और योगदान
इस जागरूकता अभियान में डालसा के पीएलवी नागेंद्र कुमार, डोवो चकिया, चयन मंडल, शंकर गोराई, माधवी कुमारी, प्रभात सिंह सरदार, छक्कु मांझी, मीरा मंडल, सुबोध प्रसाद, सूरज कुमार, अनिल कुमार शर्मा, अमरजीत और आदेशपाल दिनेश साधु ने हिस्सा लिया।

पिछड़े गांवों के लिए जरूरी है कानूनी जागरूकता
सारसे जैसे सुदूर और पिछड़े इलाकों में कानूनी जागरूकता अभियान बेहद महत्वपूर्ण हैं। यहां के लोगों को न केवल उनके अधिकारों के बारे में बताया गया, बल्कि समस्याओं को सुलझाने के लिए सही प्रक्रियाओं की जानकारी भी दी गई। यह अभियान प्रशासन और समाज के बीच की दूरी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

ग्रामीणों का उत्साह और समस्याएं
अभियान के दौरान, ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। कई ग्रामीणों ने सड़क, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर चिंता जताई। टीम ने उन्हें बताया कि इन समस्याओं को सुलझाने के लिए वे विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

आगे की योजनाएं और सुझाव
डालसा ने आश्वासन दिया कि इस अभियान को अन्य सुदूर और पिछड़े इलाकों में भी ले जाया जाएगा। टीम का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए यह पहल जारी रहेगी।


सारसे गांव में आयोजित यह जागरूकता अभियान न केवल ग्रामीणों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में सफल रहा, बल्कि उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान के सुझाव देने का भी महत्वपूर्ण माध्यम बना। इस तरह के अभियान ग्रामीण विकास और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow