Jamshedpur Mystery: स्क्रैप कारोबारी की संदिग्ध मौत से उठे सवाल, पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे का इंतजार!
जमशेदपुर में स्क्रैप कारोबारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, क्या था पूरा मामला? जानिए पुलिस जांच से लेकर संभावित कारणों तक की पूरी जानकारी।

जमशेदपुर: सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बारीडीह बस्ती में स्क्रैप कारोबारी राहुल पांडेय (37) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने 3 मार्च को कीटनाशक खा लिया था, जिसके बाद इलाज के दौरान 5 मार्च को एमजीएम अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
कौन थे राहुल पांडेय?
राहुल पांडेय मूल रूप से बनारस गाजीपुर के रहने वाले थे। वह जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित रामदेव बगान में अपनी मौसी के घर पर रहते थे। उनकी पत्नी विजया गार्डेन में स्थित कैनरा बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। चार साल पहले किसी पारिवारिक विवाद के कारण दोनों अलग रहने लगे थे।
राहुल स्क्रैप कारोबार से जुड़े थे, लेकिन उनका खुद का व्यवसाय नहीं था। वह सिदगोड़ा में किसी अन्य व्यक्ति के स्क्रैप कारोबार की देखरेख कर रहे थे। उनकी मौत के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, इस पर अब सवाल उठने लगे हैं।
आखिर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा तेज है। राहुल पांडेय की पारिवारिक जिंदगी अस्थिर थी, लेकिन क्या यह इतना बड़ा कारण हो सकता है कि वे खुद अपनी जान ले लें? उनके जानने वालों का कहना है कि वे काफी मजबूत इंसान थे और बिना किसी ठोस कारण के ऐसा कदम नहीं उठा सकते।
उनकी मौत के पीछे कुछ अन्य संभावित वजहें भी हो सकती हैं—
क्या पारिवारिक तनाव ने उनकी मानसिक स्थिति पर असर डाला था?
क्या कारोबार से जुड़ी कोई समस्या थी?
क्या कोई बाहरी दबाव था, जिससे वे परेशान थे?
सिदगोड़ा क्षेत्र का इतिहास और स्क्रैप कारोबार
सिदगोड़ा और गोलमुरी क्षेत्र में स्क्रैप कारोबार तेजी से बढ़ा है। यहां कई छोटे-बड़े कारोबारी इस व्यवसाय से जुड़े हैं, लेकिन इस व्यापार में अक्सर प्रतिस्पर्धा और वित्तीय दबाव की स्थिति बनी रहती है।
इससे पहले भी शहर में कुछ कारोबारी वित्तीय दिक्कतों का सामना कर चुके हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि राहुल पांडेय भी किसी आर्थिक संकट में थे, जिसकी वजह से वे तनाव में आ गए थे?
पुलिस की जांच और अगला कदम
राहुल की मौत की जानकारी पुलिस को दी गई, जिसके बाद 7 मार्च को उनका पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और उन सभी पहलुओं को खंगाल रही है जो इस घटना से जुड़े हो सकते हैं।
परिजनों और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि राहुल पांडेय की मौत किस वजह से हुई।
यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि एक बड़ा सवाल भी खड़ा करती है—क्या मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव के कारण कारोबारियों को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं? जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में ऐसे मामलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े।
What's Your Reaction?






