गोरखपुर में निलंबित सिपाही ने अस्पताल में डॉक्टर पर किया हथौड़े से हमला
गोरखपुर में निलंबित सिपाही पंकज चौधरी ने अस्पताल में डॉक्टर पर हथौड़े से हमला किया। जानें इस चौंकाने वाली घटना के पीछे की कहानी और पुलिस कार्रवाई के बारे में।
गोरखपुर: 4 अक्टूबर 2024 को गोरखपुर के छात्रसंघ चौराहा स्थित गैस्ट्रो लीवर अस्पताल में एक निलंबित सिपाही ने अस्पताल के संचालक डॉ. अनुज सरकारी पर हथौड़े से हमला किया। आरोपी सिपाही का नाम पंकज चौधरी है, जो संतकबीरनगर जिले के मांझरिया गंगा गांव का निवासी है। वह पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात था, लेकिन एक साल से अनुपस्थित रहने के कारण उसे निलंबित कर दिया गया था।
घटना का विवरण
पंकज ने गुरुवार को अपनी पत्नी अदिति को इलाज के लिए अस्पताल लाया था। इस दौरान अल्ट्रासाउंड को लेकर उसकी डॉ. अनुज के साथ बहस हो गई। बहस बढ़ने पर पंकज ने डॉक्टर के साथ मारपीट की और उन्हें धक्का देकर कुर्सी से गिरा दिया। अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने समय पर हस्तक्षेप किया और पंकज को काबू में किया। इस घटना में पंकज का सिर भी फट गया था।
पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, लेकिन गलती मानने और माफी मांगने पर उसे छोड़ दिया गया। पंकज अपनी पत्नी के साथ घर लौट गया।
दूसरा हमला
आज, पंकज ने फिर से अस्पताल में जाकर हिंसा का सहारा लिया। सुबह 11 बजे वह छात्रसंघ चौराहे पर उतरा। उसके हाथ में एक झोला था, जिसमें हथौड़ा छिपा था। अस्पताल पहुंचने से पहले, पंकज ने डायल 112 पर फोन कर पुलिस को बताया कि गुरुवार को अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी पिटाई की थी।
जब वह पुलिसकर्मियों के साथ अस्पताल के अंदर गया, तो उसने डॉ. अनुज सरकारी के केबिन में घुसते ही झोले से हथौड़ा निकालकर उन पर हमला कर दिया। इस अचानक हमले से डॉ. अनुज गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने तुरंत पंकज को काबू में किया और हथौड़ा छीन लिया। अस्पताल के कर्मचारियों ने भी पंकज को घेर लिया और उसे रस्सी से बांधकर पीटा। डॉ. अनुज का इलाज उनके बड़े भाई के दाउदपुर स्थित अस्पताल में चल रहा है, और उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई
इस घटना के बाद, कैंट थाना पुलिस और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और डॉ. अनुज व उनके परिजनों से बात की। डॉ. गौरव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और अस्पताल प्रशासन को आश्वस्त किया है कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने कहा है कि अस्पताल में इस प्रकार की हिंसा चिकित्सा पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचाती है और मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है।
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