गोरखपुर में दीवानी कचहरी के अधिवक्ताओं ने सोमवार को एसएसपी कार्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कैंट थाना प्रभारी के तबादले और बड़हलगंज पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वकीलों का कहना है कि पुलिस का रवैया उनके प्रति बेहद अपमानजनक और मनमाना है।
क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
अधिवक्ताओं का आरोप है कि कैंट थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर और बड़हलगंज पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और न्याय प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया। इस रवैये से अधिवक्ता समुदाय आक्रोशित है और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।
एसएसपी कार्यालय पर धरना और नारेबाजी
एसएसपी कार्यालय पर जुटे वकीलों ने जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कैंट इंस्पेक्टर के तत्काल तबादले और बड़हलगंज पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच टकराव का इतिहास
भारत में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। 1980 के दशक में भी अधिवक्ता समुदाय ने कई बार न्याय और गरिमा के लिए आंदोलन किया। ऐसे मामलों में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच संवाद की कमी बड़ी वजह मानी जाती है।
गोरखपुर जैसे बड़े शहरों में न्याय व्यवस्था के प्रमुख स्तंभ अधिवक्ता और पुलिस के बीच इस तरह की तनातनी का असर आम जनता पर भी पड़ता है। इससे न्यायिक प्रक्रिया बाधित होती है और विवाद लंबा खिंचता है।
अधिवक्ताओं की मांगें
- कैंट थाना प्रभारी का तत्काल तबादला: वकीलों का आरोप है कि उनका रवैया अधिवक्ताओं के प्रति अपमानजनक है।
- बड़हलगंज पुलिस के खिलाफ जांच: अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस के मनमाने रवैये से न्याय प्रक्रिया बाधित हो रही है।
- अधिवक्ताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार: वकीलों ने जोर देकर कहा कि पुलिस को उनके अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसएसपी कार्यालय के अधिकारियों ने प्रदर्शन के दौरान वकीलों से बात की और उनकी समस्याओं को सुना। प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे।
आम जनता पर असर
पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच बढ़ते टकराव का असर कोर्ट में लंबित मामलों पर पड़ रहा है। कई मामलों में तारीखें आगे बढ़ाई जा रही हैं, जिससे पक्षकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच संवाद को बेहतर करने के लिए दोनों पक्षों को एक मंच पर आना चाहिए। प्रशासन को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के विवाद दोबारा न हों।
गोरखपुर में अधिवक्ताओं का यह प्रदर्शन न्याय व्यवस्था की खामियों और पुलिस के साथ उनके बिगड़ते संबंधों को उजागर करता है। प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी रह सके और जनता को भी राहत मिल सके।