Jharkhand GST Scam : 8 फर्जी कंपनियों ने किया 17.89 करोड़ का GST घोटाला, जानें कैसे चलता है यह खेल
झारखंड में 8 फर्जी कंपनियों ने 17.89 करोड़ की GST चोरी की है। जानें कैसे हुआ यह बड़ा घोटाला और किस तरह सरकार इस पर काबू पाने के लिए कदम उठा रही है।
झारखंड में एक बड़े GST घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें धनबाद और बोकारो की आठ फर्जी कंपनियों ने 17.89 करोड़ रुपये की GST चोरी की है। इन कंपनियों ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कर सरकार के राजस्व को चूना लगाया। यह खुलासा राज्य सरकार द्वारा फेक रजिस्ट्रेशन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में हुआ है। आइए जानते हैं इस घोटाले का पूरा सच और इसके पीछे चल रहे खेल के बारे में।
कैसे हुआ यह बड़ा घोटाला?
झारखंड के धनबाद और बोकारो जिलों की आठ कंपनियों ने कागजों पर कोयला की खरीद-बिक्री करके इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाया। इन कंपनियों ने कोयले की असल कीमत को छिपाकर सरकार से टैक्स में छूट हासिल की और इसके साथ ही 17.89 करोड़ रुपये का GST चोरी कर लिया। इस खेल में इन कंपनियों ने वाणिज्यकर विभाग से जानबूझकर टैक्स की राशि छिपाई, जिससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
फर्जी कंपनियों की खोज कैसे हुई?
हाल ही में वाणिज्यकर विभाग ने धनबाद और बोकारो जिलों की 51 कंपनियों की जांच की, जिसमें आठ कंपनियों का कोई अस्तित्व नहीं मिला। इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन तो हुआ था, लेकिन असल में इनका कोई काम नहीं था। विभाग ने इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और जिन कंपनियों से इन फर्जी कंपनियों ने कोयला बेचा था, उन्हें भी नोटिस भेजा जा रहा है। यह मामला 2022 से 2024 के बीच का है।
फर्जी कंपनियों का काम करने का तरीका
इन फर्जी कंपनियों ने कोयला की खरीद-बिक्री कर, फर्जी तरीके से आईटीसी का लाभ उठाया। इसके लिए ये कंपनियां फर्जी रेंट एग्रीमेंट और पैन नंबर का इस्तेमाल कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराती थीं। इसके बाद इन कंपनियों ने स्थानीय खदानों से ‘दो नंबर’ का कोयला खरीदा और उसे ‘एक नंबर’ बनाने के लिए ई-वे बिल (परमिट) जेनेरेट कर दिया। इन permits के माध्यम से कोयला राज्य के बाहर भेजा जाता था या फिर स्थानीय भट्टों में बेच दिया जाता था। इस तरह से इन फर्जी कंपनियों ने सरकार को करोड़ों का चूना लगाया।
बायोमीट्रिक सिस्टम से होगा फर्जी कंपनियों पर काबू
राज्य सरकार अब फर्जी कंपनियों पर काबू पाने के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लागू करने जा रही है। वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस सिस्टम में रजिस्ट्रेशन के दौरान बायोमीट्रिक कैप्चर करना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि रजिस्ट्रेशन के समय व्यक्ति की पूरी जानकारी और पहचान की जांच की जाएगी। इससे फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पर अंकुश लगेगा और ऐसी कंपनियों का पता चलाना आसान होगा।
फर्जी कंपनियों की सूची
फर्जी कंपनियों की सूची में शामिल प्रमुख नाम हैं:
- एपी ट्रेडर्स – अमित कुमार (चिरकुंडा)
- मेसर्स एतवारी इंटरप्राइजेज – एतवारी सिंह (धनबाद)
- एआर ट्रेडर्स – रितेश भगत (बोकारो)
- एसएन इंटरप्राइजेज – अभिषेक शर्मा (झरिया)
- आदित्य कंस्ट्रक्शन – राजू कुमार सिंह (बोकारो)
- शिवशक्ति इंटरप्राइजेज – चंदन कुमार (बोकारो)
- बंशल इंटरप्राइजेज – दीपक कुमारी (बोकारो)
- आरआर ट्रेडर्स – रितविक राज (धनबाद)
भविष्य में क्या होगा?
वाणिज्यकर विभाग ने यह तय किया है कि फर्जी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। इसके लिए विभाग ने पहले से ही कानूनी कदम उठाना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में बायोमीट्रिक प्रणाली के लागू होने से फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगेगी, जिससे इस तरह के घोटाले रुकने की संभावना है।
क्या असर होगा राज्य पर?
फर्जी कंपनियों द्वारा की गई यह GST चोरी न केवल सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इससे व्यापारिक गतिविधियों में भी हानि होती है। राज्य सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है और इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए वाणिज्यकर विभाग की जांच अब और तेज़ कर दी गई है। इससे राज्य के व्यापारिक माहौल में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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