बारिडीह, 24 अगस्त 2025 – बारिडीह स्टूडेंट्स क्लब ने आज एक शानदार भूमि पूजन समारोह का आयोजन किया, जिसमें बारिश के बावजूद समुदाय का उत्साह और भक्ति पूर्ण रूप से झलक उठी। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि सामुदायिक एकता और समर्पण का एक जीवंत प्रदर्शन भी था, जिसने सभी उपस्थित लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई।
समारोह की अध्यक्षता क्लब के अध्यक्ष जन्मेजय पाण्डेय ने की, जिन्होंने पूजा की सभी रस्मों को पूर्ण भक्ति और सावधानी के साथ संपन्न किया। उनके साथ पंडित जी ने मंत्रोच्चारण के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे पूजा का आध्यात्मिक महत्व और गहरा हो गया। धूप की सुगंध, दीयों की रोशनी और मंत्रों की गूंज ने समारोह को एक दिव्य अनुभव में बदल दिया।
हालांकि बारिश ने समारोह में बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन क्लब के सदस्यों का उत्साह अडिग रहा। उनकी उपस्थिति और समर्पण ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया। समारोह का मुख्य आकर्षण तब रहा जब क्लब के संस्थापक रामा शंकर शर्मा ने नारियल फोड़कर पूजा को विधिवत रूप से संपन्न किया। अपने संबोधन में शर्मा ने क्लब के पिछले पांच वर्षों के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और कहा, “पिछले 30 वर्षों में जितनी भी समितियों ने यहाँ पूजा की है, यह समिति उन सबसे बेहतर है। बारिडीह स्टूडेंट्स क्लब ने उत्कृष्टता और एकता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।"
जन्मेजय पाण्डेय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “यह एक समिति जरूर है, लेकिन यहाँ जुड़ा हर सदस्य हमारे परिवार का अभिन्न अंग है।” उनके शब्दों ने क्लब की एकजुटता और पारिवारिक भावना को उजागर किया, जो इसकी सफलता का आधार है।
पूजा के बाद जैसे ही भगवान की कृपा से बारिश तेज हुई, क्लब के किसी भी सदस्य का हौसला कम नहीं हुआ। यह उनके दृढ़ संकल्प और भक्ति का प्रतीक था। समारोह में सुमित राजहंस ,पियूष, धर्मबीर सिंह, गोलू तिवारी, अभिषेक, सोहन, विनीत पोद्दार, बृजमोहन साहा, मिथिलेश, विजय गुप्ता, अमित सिंह, दीपक मिश्रा, गोलू सिंह, विष्णु, राजा चटर्जी, चंदन सिंह, विवेक नामता, आशीष झा, अलोक कुमार, सर्वन, माखन मिश्रा, मुरारी, अश्वनी शर्मा, मनीष झा और कॉलोनी के अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
बारिडीह स्टूडेंट्स क्लब ने वर्षों से सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाले आयोजनों के लिए ख्याति अर्जित की है। आज का भूमि पूजन समारोह उनकी इस यात्रा में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। बारिश के थमने के बाद उपस्थित लोग गर्व और संतुष्टि के साथ विदा हुए, जो इस समारोह की सफलता का प्रतीक था।