TS DAV School Event: वैशाखी के रंगों में रंगा टीएस डीएवी, छोटे बच्चों ने किया Waste से Best का चमत्कार!

टीएस डीएवी पब्लिक स्कूल में वैशाखी उत्सव पर ‘अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ’ थीम के साथ नर्सरी से कक्षा द्वितीय तक के बच्चों ने अभूतपूर्व रचनात्मकता दिखाई। माता-पिता की भागीदारी और सदन प्रणाली की शुरुआत ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया।

Apr 12, 2025 - 15:28
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TS DAV School Event: वैशाखी के रंगों में रंगा टीएस डीएवी, छोटे बच्चों ने किया Waste से Best का चमत्कार!
TS DAV School Event: वैशाखी के रंगों में रंगा टीएस डीएवी, छोटे बच्चों ने किया Waste से Best का चमत्कार!

जमशेदपुर: हर साल वैशाखी पर जब पंजाब और उत्तर भारत के राज्यों में खेतों में खुशहाली के गीत गूंजते हैं, तब झारखंड के स्कूल भी इस रंग में पूरी तरह रंगे नजर आते हैं।
टीएस डीएवी पब्लिक स्कूल, तारापद षाड़ंगी, ने शनिवार को कुछ ऐसा ही आयोजन किया जिसे देखकर हर किसी ने कहा – "इन नन्हे हाथों की कला में जादू है!"

‘अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ’ थीम पर हुआ कार्यक्रम, माता-पिता भी बने गवाह

कक्षा नर्सरी से द्वितीय तक के छात्र-छात्राओं ने वैशाखी उत्सव के अवसर पर ‘अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ (Best out of Waste)’ थीम पर सुंदर प्रोजेक्ट्स तैयार किए। यह न केवल बच्चों की रचनात्मकता का परिचायक था, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी संदेश दे गया।

सबसे खास बात रही कि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन एक पारिवारिक उत्सव बन गया। बच्चों के जोश और माता-पिता के सहयोग ने स्कूल परिसर को पूरी तरह से उत्सवमय बना दिया।

इन बच्चों ने मारी बाजी – बेस्ट थ्री का हुआ चयन

कुल प्रोजेक्ट्स में से तीन बच्चों को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया:

  • प्रथम स्थान: समृद्धि कुमारी (माता: श्रीमती रिंकी कुमारी)

  • द्वितीय स्थान: हर्षिका पंडा (माता: श्रीमती रश्मि पंडा)

  • तृतीय स्थान: रीत माईती (माता: श्रीमती अनुश्री माईती)

इन बच्चों के प्रोजेक्ट्स में रचनात्मकता, प्रस्तुति और सामाजिक संदेश का अद्भुत मेल देखने को मिला। इनमें से किसी ने पुराने अखबारों से घर सजाने की कला दिखाई तो किसी ने प्लास्टिक बोतलों से बगीचे की सजावट।

नई शुरुआत – चार वेदों के नाम पर गठित हुए सदन

वैशाखी उत्सव के इस विशेष अवसर पर स्कूल के सीसीए (सह-पाठ्यक्रम गतिविधि) विभाग ने एक नई पहल करते हुए सभी छात्रों को चार सदनों में बांटा।

इन सदनों को चार वेदों – ऋग, यजुर, साम और अथर्व – के नाम पर नामित किया गया। इसके तहत:

  • ऋग सदन: सुश्री संध्या रानी और प्राण कृष्ण

  • अथर्व सदन: सुश्री ममता माईती और समीर महता

  • साम सदन: सुश्री सुनंदा गोराई और राम पाठक

  • यजुर सदन: सुश्री ममता कुमारी और सुब्रत महापात्र

हर सदन से कैप्टन और वाइस कैप्टन का चयन कर नेतृत्व का जिम्मा सौंपा गया। यह प्रणाली न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाएगी, बल्कि बच्चों में नेतृत्व, अनुशासन और सहयोग की भावना भी विकसित करेगी।

एसेम्बली में दिखी नई ऊर्जा, बच्चों का हुआ चयन विभिन्न गतिविधियों के लिए

कार्यक्रम के अंत में आयोजित विशेष एसेम्बली में बच्चों को अलग-अलग रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए चुना गया। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि स्कूल अब शिक्षा के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी संतुलन और नवाचार को बढ़ावा दे रहा है।

प्राचार्य का प्रेरणादायक संदेश – “समय और शिक्षा, दोनों हैं जीवन का आधार”

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य महोदय ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा:
“हर छात्र को अपने सदन की मर्यादा को बनाए रखते हुए अनुशासित आचरण करना चाहिए। समय का सदुपयोग और शिक्षा का सम्मान ही छात्र जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आज से ही इन दो बातों को समझ लिया जाए, तो जीवन में आगे बढ़ना आसान हो जाता है।”

इतिहास और परंपरा के साथ आधुनिकता का संगम

वैशाखी, मूलतः खेत-खलिहानों की उपज के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो मेहनत, एकता और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।

टीएस डीएवी पब्लिक स्कूल ने इस उत्सव को नवाचार और पर्यावरण जागरूकता के साथ जोड़कर नई पीढ़ी को संस्कृति और समकालीन सोच का संगम सिखाया है।

टीएस डीएवी का यह आयोजन सिर्फ एक स्कूल फेस्टिवल नहीं था, बल्कि यह संस्कार, रचनात्मकता और सामाजिक जागरूकता का मंच बन गया।
यह साबित करता है कि अगर सही दिशा दी जाए, तो छोटे बच्चे भी बड़े बदलाव ला सकते हैं – चाहे वो कला में हो, शिक्षा में या समाज के प्रति जिम्मेदारी में।

अगली बार आप जब किसी 'वेस्ट' चीज़ को फेंकने जाएं, तो सोचिए – क्या इससे कुछ ‘बेस्ट’ नहीं बन सकता?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।