Jamshedpur Drama: कोर्ट से पकड़ा गया वारंटी पुलिस को चकमा देकर भागा, फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी

जमशेदपुर के जुगसलाई थाना में शनिवार सुबह कोर्ट वारंट पर गिरफ्तार एक वारंटी पुलिस की गिरफ्त से भाग निकला। कुछ देर की भागदौड़ के बाद पुलिस ने फिल्मी अंदाज में पीछा कर उसे दोबारा दबोच लिया। जानिए पूरी कहानी।

Apr 12, 2025 - 15:16
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Jamshedpur Drama: कोर्ट से पकड़ा गया वारंटी पुलिस को चकमा देकर भागा, फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी
Jamshedpur Drama: कोर्ट से पकड़ा गया वारंटी पुलिस को चकमा देकर भागा, फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी

जमशेदपुर, जुगसलाई: शनिवार की सुबह जुगसलाई थाना में अचानक सायरन की तरह तनाव फैल गया। एक वारंटी, जिसे कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, थाना पहुंचते ही भाग निकला। जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं! पुलिस की गाड़ी से उतरते ही आरोपी चालाकी दिखाते हुए फरार हो गया, और थाने में कुछ देर के लिए मचा हड़कंप एक असली फिल्मी सीन की तरह लगने लगा।

वारंटी की गिरफ्तारी और फिर भागने की कहानी

घटना सुबह की है, जब पुलिस टीम कोर्ट द्वारा जारी वारंट के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर लाई थी। आरोपी को सूमो गाड़ी के पीछे की सीट पर अकेले बैठाया गया था, और शायद इसी "लापरवाही" ने आरोपी को भागने का हौसला दे दिया।

जैसे ही गाड़ी थाना परिसर में पहुंची, आरोपी ने फुर्ती से पीछे का दरवाज़ा खोला और झट से बाहर कूदकर भाग खड़ा हुआ।
कुछ पलों के लिए पुलिसकर्मियों को समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या! फिर जब होश आया, तब तक वारंटी बलदेव बस्ती की ओर दौड़ चुका था।

फिल्मी स्टाइल में पीछा और गिरफ्तारी

भागते आरोपी के पीछे थाने के एएसआई और एक जवान ने बिना देर किए राहगीरों की बाइक उठाई और उसका पीछा शुरू कर दिया। ये नज़ारा किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं था।

वारंटी बलदेव बस्ती में एक घर में जाकर छिप गया, लेकिन पुलिस जवानों ने बस्तीवासियों की मदद से उसकी लोकेशन पकड़ ली और आखिरकार उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।

बाइक पर बैठा आरोपी वापस थाने लाया गया, और वहां मौजूद पुलिस पदाधिकारियों ने सुकून की सांस ली।

कैसे हुई ऐसी चूक? सवालों के घेरे में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था

सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर एक वारंटी को अकेले गाड़ी में बैठाने की इजाज़त किसने दी? क्या ये मान लिया गया था कि कोर्ट से गिरफ्तारी के बाद आरोपी खुद को पुलिस के हवाले मान चुका है?

झारखंड पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर यह बड़ा सवाल खड़ा करता है। थाने के भीतर से भागना कोई मामूली बात नहीं, और अगर आरोपी कहीं और निकल जाता, तो मामला और भी बड़ा बन सकता था।

ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन सुधार कब होगा?

झारखंड में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां वारंटी या अभियुक्त पुलिस की निगरानी से भाग निकले हों।

साल 2019 में भी जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना में ऐसा ही एक आरोपी हवालात से फरार हो गया था, जिसे कई दिनों बाद पकड़ा जा सका था। ऐसे मामलों में जवाबदेही तय न होना, लापरवाही को बढ़ावा देता है।

वारंटी कौन था? पुलिस ने क्यों पकड़ा था?

सूत्रों के अनुसार, आरोपी के खिलाफ एक पुराने मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा था। हालांकि, अभी तक पुलिस ने आरोपी की पहचान सार्वजनिक नहीं की है।

स्थानीय लोगों ने कहा – “पुलिस को सतर्क रहना चाहिए”

घटना के बाद इलाके के कुछ लोगों ने कहा कि थाना परिसर में ही अगर वारंटी भागने में सफल हो जाए, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या भरोसा?

यह घटना न केवल पुलिस की चूक दिखाती है, बल्कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं, उसका भी उदाहरण है।

एक तरफ पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए दिन-रात मेहनत करती है, वहीं ऐसी चूकें उसकी छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
हालांकि आरोपी को फिर से पकड़ लेना राहत की बात है, लेकिन अब ज़रूरत है जवाबदेही तय करने की और ऐसी लापरवाहियों से सबक लेने की।

क्योंकि अगली बार इतना किस्मत का साथ मिलना जरूरी नहीं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।